डरने-घबराने की जरूरत नहीं लेकिन सतर्कता बरतने और प्रार्थना का समय है. बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश में नेपाल से आते पानी की वजह से बाढ़ की स्थिति बेहद गंभीर है. जो सूचनाएं आ रही हैं उनके मुताबिक ग्रामीण इलाकों में स्थिति इतनी खराब 1987 और 1998 में भी नहीं हुई, न ही होने की संभावना बनी थी.
नेपाल की मजबूरी हम समझ सकते हैं पानी न रोक पाने की. लेकिन…. यदि अगले कुछ घँटों और आज के दिन-रात भर में राप्ती-रोहिन में पानी 9 इंच से कुछ भी ऊपर बढ़ा, तो गोरखपुर शहर के दक्षिणी इलाके ( नेशनल हाइवे के दक्षिण) पर बाढ़ का गंभीर खतरा पैदा होगा. लखनऊ, बनारस, इलाहाबाद से सड़क संपर्क टूटने की आशंका रहेगी.
इन शहरों से गोरखपुर में घुसने के मुख्य चौराहे…. नौसढ़ की यह मिनट भर पहले की तस्वीर है.
प्रशासन अपने कर्मयोग में लगा है, आदरणीय मुख्यमंत्री जी खुद पीड़ित इलाकों से होकर आए हैं. उन्हें इन सभी इलाकों के इंच-इंच की जमीनी हकीकत मालूम है. दुआ करिये प्रशासन को उच्चतम आत्मबल मिले, वे अपने कर्म साधना में सफल हों.
डरिये मत, अफवाहों पर ध्यान न दीजिये, उन्हें फैलाने का हिस्सा न बनिये : सही सूचनाओं को आगे बढ़ाइए, सतर्क रहिये, अपनों से संपर्क में बने रहिये. हे ईश्वर सबकी रक्षा करो.