नई दिल्ली. कांग्रेस की विचारधारा में बदलाव, मैनेजमेंट में गड़बड़ी और कांग्रेस की प्रोपगैंडा मशीनरी को देश भर में हो रही हार का जिम्मेदार ठहराते हुए कांग्रेस के कोऑर्डिनेशन सेंटर के सदस्य और राहुल गांधी के करीबी सहयोगी रहे आशीष कुलकर्णी ने पार्टी छोड़ दी है.
कुलकर्णी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस अब विचारधारा के तौर पर खुद को वामपंथ के नजदीक ले जाने लगी है. यही नहीं उन्होंने कांग्रेस पार्टी में वंशवाद बढ़ने के भी आरोप लगाए. कुलकर्णी ने ऐसे वक़्त पर इस्तीफा दिया है जब गुजरात और हिमाचल प्रदेश का विधानसभा चुनाव सिर पर है.
पार्टी से अपने इस्तीफे के साथ ही उन्होंने प्रियंका वाड्रा को कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की अफवाहों पर भी सवाल खड़े किए. इन अफवाहों को ‘घृणित’ करार देते हुए कुलकर्णी ने अपने इस्तीफे में लिखा कि पुराने नेताओं की ओर से ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं ताकि ऐसी धारणा बने कि पार्टी में राहुल के नेतृत्व पर अविश्वास का माहौल है.
राहुल के करीबी सहयोगी रहे आशीष ने उन्हें भेजे अपने इस्तीफे में कहा कि प्रियंका के प्रमोशन की अफवाहें पार्टी के ही ऐसे दिग्गज चेहरे फैला रहे हैं, जो 2014 की करारी हार के कारण नहीं बता पा रहे. आशीष ने कहा कि अब ऐसे लोग हार का सारा दोष राहुल गांधी पर मढ़ना चाहते हैं.
पार्टी पर मध्यमार्गी विचारधारा से भटकने का आरोप लगाते हुए कुलकर्णी ने कहा कि कांग्रेस अब कश्मीर मुद्दे पर अलगाववादियों के साथ खड़ी दिखती है. उन्होंने कहा कि जेएनयू प्रकरण में कांग्रेस एक तरह से अल्ट्रा लेफ्ट के साथ सहानुभूति दिखाती नजर आई. आशीष ने लिखा कि पार्टी ने जमीनी हकीकत से दूरी बना ली है और मौजूदा स्थितियों को समझने और कार्यकर्ताओं से जुड़ने में असफल साबित हो रही है.
कुलकर्णी ने अपने पत्र में महाराष्ट्र, असम, गोवा, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में पार्टी की हार के लिए कुप्रबंधन और पार्टी की निष्क्रियता को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने दावा किया कि हिमाचल प्रदेश और गुजरात के चुनाव से पहले भी पार्टी यही निष्क्रियता दोहरा रही है. अपने पत्र के अंत में आशीष कुलकर्णी ने कांग्रेस में मचे उठापटक के लिए पार्टी के पुराने नेताओं को विश्वासपात्र ठहराया है.