दो कहानियाँ याद आ रही है. पहली कहानी विश्वविख्यात इटालियन मूर्तिकार मायकलएंजेलो से संबन्धित है. अपनी अमर कलाकृति ‘पायेटा’ के लिए उन्हें एक बेहतरीन बेदाग और बहुत बड़े मार्बल की तलाश थी. इटली सब से बेहतरीन मार्बल के लिए प्रख्यात है तो ये वहां के पहाड़ों में सही दर्जे का मार्बल खोजते भटकते थे. आखिर मनचाहा मार्बल मिल गया. ये खुशी से घर लौटे कि इसे अब खोदकर निकलेंगे और मैं अपनी प्रतिमा का आविष्कार कर पाऊँगा.
रात में अपने अंकल – अब सही संबंध तो बताया नहीं तो अंकल ही रखेंगे – को पैसे दे कर कहा सामान लाने को. मार्बल का पत्थर पहाड़ से नीचे लाना था तो पग-पग पर उसे थामने के लिए लोहे के मजबूत डंडों की जरूरत थी. मायकलएंजेलो ने अंकल को समझा दिया था कौन से क्वालिटी के लाने हैं. पर्याप्त पैसे दिये थे.
पत्थर खोद कर निकाला गया और उसे नीचे लाना शुरू हुआ. अचानक एक जगह पर कोने का रोधक डंडा चरमरा कर टूटा और पत्थर देखते ही देखते नीचे खाई में गिर कर चूर हो गया.
मायकलएंजेलो ने डंडे की चरमराहट सुनी थी, दौड़कर देखा तो शक सही निकला, लोहे का डंडा बताए गए दर्जे का नहीं था, सस्ता माल था. अंकल की क्लास लगाई तो उसने बेशर्मी से बोल दिया कि हाँ मैं सस्ते वाले डंडे ले आया था. दो पैसे रख लिए, क्या बड़ी बात हुई, हर कोई करता है!
उसे इस बात से कोई सरोकार नहीं था कि इस दर्जे का पत्थर दूसरा मिलना कितना मुश्किल होगा. दुनिया के सौभाग्य से मायकलएंजेलो को दूसरा मार्बल मिला और Pieta बन पायी.
इसे सर्च करेंगे तो फोटो मिलेगी अगर देखी न हो. गोद में ईसा का शव उठाए उसे निहारते मदर मेरी की मूर्ति है, संवेदनशील व्यक्ति को भावुक बनाने का सामर्थ्य रखती है, ईसाई होने की आवश्यकता नहीं.
दूसरी कहानी असम की है, महान सेनानी लछित बोरफुकन की. मुग़ल सेना अहोम राज्य को कुचलने निकल चुकी थी और किले के एक दीवाल की मरम्मत जरूरी थी. रात-दिन मेहनत की आवश्यकता थी. सवेरे तक काम पूरा होना था. लेकिन मज़दूर सो गए क्योंकि उनका मुखिया सो गया. मुखिया निश्चिंत था क्योंकि लसित का मामा था.
बीच रात लसित की नींद खुली, कोई आवाज़ नहीं सुनाई दी तो दीवार की तरफ दौड़े. मामा से जवाब-तलब किया मामा अकड़ गए – तो क्या हुआ. लसित ने सीधा तलवार खींची और मामा का शिरच्छेद कर दिया. काम पूरा हो गया.
अब इन सदियों पुरानी घटनाओं का गोरखपुर के ऑक्सिजन कांड से क्या संबंध है तो इतिहास इसलिए पढ़ा-पढ़ाया जाता है ताकि हम उससे सीख ले सके.
वैसे मुझे लगता है कि कुछ ही समय में किसी के आत्महत्या की खबर आएगी. एक क्षतविक्षत शव मिलेगा जिसे किसी अधिकारी का बताया जाएगा, कपड़े, घड़ी, पर्स में कार्ड आदि से.
दो दिन ये भी सुर्खियां होंगी और फिर केवल बच्चों के माँ बापों को अपने मरे बच्चे याद रह जाएँगे. दुनिया के लिए नयी खबरें बनती रहेंगी. मायकलएंजेलो को तो दूसरा पत्थर मिल गया, माँ बाप को बच्चे दूसरे नहीं मिलते.