नई दिल्ली. फिल्मकार पहलाज निहालानी को सेंसर बोर्ड के चेयरमैन पद से हटा कर लेखक व कवि प्रसून जोशी को नया चेयरमैन बनाया जा रहा है. बता दें कि पहलाज निहलानी के सेंसर बोर्ड के चेयरमैन बनने के बाद से कई बार फिल्मों से जुड़ी हस्तियों ने निहलानी के कामकाज करने के तरीकों पर आपत्ति जताई थी.
इससे पहले निहलानी ने पिछले महीने कहा था कि अगर उन्हें पद छोड़ने के लिए कहा जाएगा तो वे अपना पद छोड़ देंगे. निहलानी ने बीती 25 जुलाई को कहा था कि उन्होंने उन्हें पद से हटाए जाने की सरकार की किसी योजना के बारे में से नहीं सुना है. हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर उनसे पद छोड़ने के लिए कहा जाता है तो वह ऐसा करने के लिए तैयार हैं.
अब सरकार ने प्रसून जोशी को नया चेयरमैन बनाने का निर्णय लिया है. प्रसून जोशी एक अच्छे लेखक, कवि और प्रोमो राइटर के तौर पर जाने जाते हैं.
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए सेंसर बोर्ड अध्यक्ष पहलाज निहलानी का प्रेम ही शायद इनके लिए ख़तरा बन गया है. दो साल पहले भी इनके हटाए जाने की खबरों ने जोर पकड़ा था लेकिन तब मामला ठंडा पड़ गया.
उस समय भी मोदी प्रेम के चलते पहलाज निहलानी द्वारा तैयार किए गए एक वीडियो से सरकार को नाराज बताया जा रहा था. इस वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुणगान किया गया था. उन्हें इस वीडियो में बतौर ‘ऐक्शन हीरो’ दिखाया गया.
सरकारी सूत्रों ने तब कहा था कि थिएटरों में इस म्यूज़िक वीडियो के रिलीज़ से हुई सेंसर बोर्ड की किरकिरी के बाद अब बोर्ड के अध्यक्ष की कुर्सी जा सकती है. निहलानी के इस म्यूज़िक वीडियो में प्रधानमंत्री का ज़िक्र है.
सूत्रों ने तब बताया था कि इसे रिलीज़ करने से पहले केंद्र से अनुमति ज़रूरी थी जो नहीं ली गई. बोर्ड में आपसी टकराव और बढ़ती ज़ुबानी जंग भी केंद्र की नाराज़गी बढ़ा चुका है, ऐसे में खबर है कि 24 सदस्यों वाले बोर्ड को भी बदला जा सकता है.
‘उड़ता पंजाब’, ‘हरामखोर’, ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’ और ‘इंदु सरकार’ जैसी फिल्मों पर विवाद के कारण निहलानी सुर्खियों में रहे हैं. खुद निहलानी का मानना है कि उनके ढाई वर्षो के कार्यकाल में सीबीफसी ने अच्छा काम किया है, फिल्म प्रमाणन की प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है, दलाली और भ्रष्टाचार खत्म हुआ है.
निहलानी ने कहा, अगर अब मुझसे पद छोड़ने के लिए कहा जाता है तो मैं अपने उत्तराधिकारी को शुभकामनाएं देते हुए तुरंत ऐसा कर दूंगा.