नई दिल्ली. राहुल गांधी के पुश्तैनी संसदीय क्षेत्र अमेठी में उनकी खिसकती ज़मीन का अनुमान न खुद उन्हें है और ना ही शायद उनकी पार्टी को है. लोकसभा चुनाव में अब महज़ 19 महीने का समय बचा है और अविकसित-उपेक्षित अमेठी में राहुल गांधी के खिलाफ माहौल गर्माता जा रहा है.
इसकी बानगी उस समय नज़र आई जब अमेठी में राहुल के लापता होने के पोस्टर नजर आए. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अलग-अलग जगहों पर उनके लापता होने के पोस्टर लगे हुए पोस्टर देखे गए हैं. पोस्टर किसने लगाए या लगवाए हैं, इस बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है. हालांकि पोस्टर के अंत में अमेठी की जनता का सौजन्य दिया गया है.
वहीं पोस्टर में राहुल गांधी को ढूंढ़ने वाले को पुरस्कृत करने की बात भी कही है. पोस्टर में लिखा गया है, ‘अमेठी के माननीय सांसद श्री राहुल गांधी अमेठी से लापता हैं. जिसके कारण सांसद द्वारा कराए जाने वाले विकास कार्य इनके कार्यकाल में ठप हैं. राहुल गांधी के व्यवहार से अमेठी की आम जनता ठगा हुआ और अपमानित महसूस कर रही है. अमेठी में इनकी जानकारी देने वालों को उचित पुरस्कार दिया जाएगा.’
खबरों के मुताबिक पोस्टर अमेठी कांग्रेस कार्यकाल के सामने भी लगे हुए पाए गए हैं. बताया जा रहा है कि ज्यादातर पोस्टर गौरीगंज इलाके में लगे हुए नजर आए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ राहुल गांधी लंबे समय से अमेठी नहीं गए है. हालांकि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान वह बीते फरवरी महीने में चुनावी रैलियों-सभाओं में बोलते हुए नजर आए थे. चुनाव के दौरान उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में भी जन-सभाओं को संबोधित किया था.
वहीं एक प्रमुख अखबार की खबर के मुताबिक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष योगेन्द्र मिश्रा ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह आरएसएस और बीजेपी के लोगों द्वारा राहुल गांधी को बदनाम करने की साजिश है. राहुल गांधी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, ऐसे में वह हर समय अमेठी में उपलब्ध नहीं रह सकते.