जेटली जी, देश की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश क्यों?

NDTV के खिलाफ इनकम टैक्स विभाग द्वारा दर्ज सैकड़ों करोड़ की टैक्स चोरी और हवाला कारोबार के केस में भारत सरकार की तरफ से जिस एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन को इनकम टैक्स का वकील नियुक्त किया गया है वो संजय जैन NDTV का वकील रहा है.

साल 2011 में NDTV की टैक्स चोरी और हवालाबाज़ी के इस केस का खुलासा करने पर एमजे अकबर तथा उनके अखबार सन्डे गार्जियन के खिलाफ NDTV ने यह कहकर मुकदमा दायर कर दिया था कि सभी आरोप झूठे और फ़र्ज़ी हैं.

उस मुकदमे में मोटी रकम लेकर NDTV की तरफ से संजय जैन ही वकील था और वो कोर्ट में यह सिद्ध करने के लिए हर हथकंडा अपना रहा था कि NDTV पर लगे सभी आरोप झूठे और फ़र्ज़ी हैं.

आज वही केस जब कोर्ट में पहुंचा है तो संजय जैन को इनकम टैक्स का वकील बना दिया गया है?

इसका परिणाम यह निकला है कि बीती 1 अगस्त को न्यायालय में इनकम टैक्स और उसके द्वारा दर्ज केस की धज्जियां उड़ाई गईं और संजय जैन ने कोई जवाब नहीं दिया.

वर्षों की मेहनत के बाद जिन इनकम टैक्स अधिकारियों ने NDTV के खिलाफ सबूत इकट्ठे किये, उन अधिकारियों के मनोबल को NDTV के साथ सरकारी वकील संजय जैन की मिलीभगत ने बुरी तरह रौंद कुचल दिया है। अधिकारियों में भयंकर निराशा हताशा व्याप्त हो गयी है.

अतः अंदाज़ा लगाइए कि NDTV के बचाव के लिए संजय जैन इस मुकदमे का क्या हाल करेगा?

उपरोक्त सच्चाई को उजागर करती रिपोर्ट को प्रख्यात लेखक, पत्रकार, विचारक और अर्थशास्त्री एस गुरुमूर्ति ने आज स्वयं ट्वीट कर के देश के सामने यह सच्चाई उजागर की है.

[संजय जैन से सम्बंधित रिपोर्ट का लिंक]

रिपोर्ट में बहुत स्पष्ट शब्दों में यह भी कहा गया है कि संजय जैन को इनकम टैक्स का वकील बनाने का फैसला वित्त मंत्रालय के शीर्ष नेतृत्व ने ही किया है.

विशेष अनुरोध : इस मुद्दे को इतना प्रचारित प्रसारित करिये कि NDTV को बचाने की अरुण जेटली के वित्त मंत्रालय की कोशिश से हर नागरिक परिचित हो सके तथा अरुण जेटली का वित्त मंत्रालय, संजय जैन को हटाने के लिए मजबूर हो जाए.

 

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