पटना. नितीश कुमार द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से चारा घोटाले में सज़ायाफ्ता राजद प्रमुख लालू यादव जदयू में टूट की आस लगे बैठे थे. शुक्रवार को नितीश ने लालू के अरमानों पर पानी फेरते हुए बिहार विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर दिया.
नितीश के पक्ष में 131 वोट जबकि विरोध में 108 वोट पड़े. बहुमत के लिए 122 विधायकों के समर्थन की जरूरत थी. सुबह 11 बजे पेश होने वाला यह प्रस्ताव राजद के हंगामे के चलते 12 बजे के बाद पेश हो सका. प्रस्ताव पेश होने से पहले भ्रष्टाचार के आरोपी तेजस्वी यादव ने अपना पद गंवाने की भड़ास निकाली.
नितीश पर हमला बोलते हुए बेनामी संपत्ति के आरोपी लालू-पुत्र तेजस्वी ने कहा कि अगर हिम्मत थी तो बर्खास्त करके दिखाते. उन्होंने भाजपा के साथ जाने के लिए मुझे फंसा दिया. वो मेरा आत्मविश्वास देखकर डर गए. हमने नितीश पर कोई दबाव नहीं डाला. कौन सी नैतिकता और कौन सी विचारधारा यह दुनिया जानना चाहती है.
सज़ायाफ्ता मुजरिम का पुत्र होने की शर्म न करने वाले तेजस्वी ने नितीश पर तंज़ कसते हुए कहा कि आपको शर्म आनी चाहिए सुशील मोदी के पास बैठते हुए. सब कुछ पहले से प्लान किया हुआ था. 28 साल की उम्र में क्या कुछ नहीं झेल रहा हूं मैं. पहले भाजपा ने बिहार की बोली लगाई, अब सीएम की बोली लगाई है.
मुख्यमंत्री नितीश को शुक्रवार को बहुमत साबित करना है और इसके लिए वो सुबह 10.30 बजे ही विधानसभा पहुंच गए. उनके पहुचने के बाद राजद विधायकों ने विधानसभा में हंगामा शुरू कर दिया. नितीश कुमार के पहुंचते ही राजद विधायकों ने जमकर नारेबाजी की और नितीश कुमार इस्तीफा दो, नितीश कुमार वापस जाओ, के नारे लगाए.
बिहार विधानसभा के विशेष सत्र की कार्यवाही शुरू हुई और विधानसभा के भीतर भी राजद विधायक हंगामा करते रहे. इसी बीच राजद की तरफ से तेजस्वी यादव को विरोधी दल का नेता मनोनीत किया गया और विधानसभा अध्यक्ष को प्रस्ताव दिया गया, जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया.
नेता विपक्ष बनते ही तेजस्वी यादव ने नितीश के खिलाफ हमला बोला. उन्होंने कहा कि जनता ने महागठबंधन को पांच साल के लिए चुना था लेकिन हमारे साथ, बिहार की जनता के साथ धोखा देकर महागठबंधन को तोड़ दिया. नितीश जी का ये कौन सा सिद्धांत है. नितीश पर आरोप लगाने के साथ ही एनडीए और जदयू के विधायक भी आक्रोशित हो गए और वेल में आकर हंगामा शुरू कर दिया.
शपथ के बाद नितीश ने कहा, हमने जो भी फैसला किया है, वह बिहार की जनता के हित में है. इससे विकास व न्याय सुनिश्चित होगा. लालू यादव व राहुल गांधी द्वारा मुझ पर लगाए आरोप का उचित समय पर जवाब दिया जाएगा.
बिहार में राजग के विस्तार के साथ ही केंद्र में भी जदयू राजग का हिस्सा होगा. अगले महीने नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार लगभग तय है. इसमें जदयू से शरद यादव व एक अन्य को मंत्री बनाया जा सकता है.