भाई की घोर फ्लॉप फ़िल्म ट्यूबलाइट की हीरोइन ईशा तलवार याद होगी आपको. फ़िल्म प्रदर्शन के समय वे विभिन्न ब्रांडों के आधा दर्जन कमर्शियल में नज़र आईं थीं. भाई का भारी भरकम प्रभाव काम आया और एक औसत रूप से सफल अभिनेत्री को विज्ञापनों से लाखों की आय हो गई.
अभी श्रद्धा कपूर विज्ञापनों में छाई हुई हैं. इनकी फ़िल्म आने वाली है ‘हसीना पारकर’. दाऊद की बहन की जिंदगी पर बनी फ़िल्म. इसके निर्देशक अपूर्व लाखिया हैं. कोई बहुत बड़ा नाम नहीं, इतनी हैसियत नहीं कि श्रद्धा को लाखों के विज्ञापन दिलवा सके और वे अभी बतौर अभिनेत्री इतनी सफल नहीं हुई कि उनको अपने बूते अचानक विज्ञापन मिल जाए. क्या ये नज़राना है इस बात के लिए कि उन्होंने दाऊद की बहन का किरदार निभाया है.
अब फ़िल्म की बात को एक तरफ रखकर इसकी निर्माता कंपनी के बारे में बात करते हैं. 2010 के साल में अचानक एक कंपनी प्रकट होती है, ‘स्विस एंटरटेनमेंट लिमिटेड’. इसके तीन माई-बाप हैं, यानि तीन पार्टनर हैं. इसकी अधिकृत पूंजी पांच लाख और शेयर होल्डर्स से जुटाए पांच लाख. कुल दस लाख में मुम्बई के अंधेरी वेस्ट में लिंक रोड पर श्रीकृष्णा अपार्टमेंट के 803-804 में इस कंपनी का ऑफिस भी खुल जाता है और काम भी शुरू हो जाता है. है न आश्चर्य की बात
इसके बाद कंपनी सबसे पहले अनीस बज्मी की फ़िल्म ‘वेलकम बेक’ में सह निर्माता बनती है. इसके बाद 2016 में सनी लियोनी की फ़िल्म ‘वन नाईट स्टैंड’. दस लाख की कंपनी तीस करोड़ की फ़िल्म बनाती है और कमाई केवल साढ़े चार करोड़. इतनी ‘अभूतपूर्व सफलता’ के बाद कंपनी का आत्मविश्वास और बढ़ जाता है.
2017 में स्विस एंटरटेनमेंट के एक माई-बाप नाहिद खान, दाऊद की दुर्दांत अपराधी बहन हसीना पारकर पर फ़िल्म बनाते हैं. साढ़े चार करोड़ की अभूतपूर्व कमाई के बल पर ये फ़िल्म बनाई जाती है या किसी अन्य ‘सोर्स’ से पैसा आ रहा है ‘भाई’ के खानदान का महिमा मंडन करने के लिए. हालांकि अब तक नाहिद खान उर्फ़ स्विस एंटरटेनमेंट उर्फ़ ‘अदृश्य धन कुबेर’ ने फ़िल्म का बजट नहीं बताया है.
इस कंपनी की खोज के दौरान मैं इसकी वेबसाइट पर गया. इतनी बड़ी कंपनी की बेहद घटिया वेबसाइट. अब तक वेलकम बेक फ़िल्म की जानकारी दे रहा है. करोड़ो की फ़िल्म बनाने वाली कंपनी की साइट अपडेट क्यों नहीं हुई. पांच हज़ार से ज्यादा का नहीं बना होगा ये वेब पोर्टल.
दाऊद की बहन की जिंदगी पर फ़िल्म बनाने में भला इसे क्या इंट्रेस्ट होगा. अपूर्व लाखिया जैसा स्थापित निर्देशक भला क्यों एक नए आदमी के साथ काम करेगा. जिस आदमी के पास अपनी कंपनी का ढंग का वेब पोर्टल बनाने तक के पैसे नहीं है, वो करोड़ों की फिल्मों में कैसे इनवॉल्व है.
फिर लौटते हैं श्रद्धा कपूर पर. नामी-गिरामी विज्ञापनों की इस बरसात को लाने वाला वो अदृश्य धन कुबेर कौन है. कौन है जिसने स्विस एंटरटेनमेंट की खाली बंदूक में अपना कारतूस भरा है. कौन है जो स्वर्गीय हसीना पारकर जैसी खतरनाक अपराधी को नायिका बनाकर पेश करना चाहता है.
फ़िल्म पर खर्च इस कदर है कि एडिटिंग के लिए विदेशी सेवा ली गई है. क्यों सोनाक्षी सिन्हा ये किरदार करने के लिए बेताब थी. कौन है वो अदृश्य कुबेर?