जे परखास जावडेकर भोत कमाल के आदमी हैं.
गाम की एक छोरी का ब्याह एक सहरी बाबू से तय हो ग्या. सहरी बाबू को बड़ा चाव हनीमून का. अपनी होण वाली घरवाली से जब बात करे तो हनीमून की.
हनीमून पे यहाँ चलेंगे… हनीमून पे वहाँ चलेंगे… हनीमून पे या करेंगे… वा करेंगे.
लड़की बड़ी परसान… यू कम्बखत हनीमून के होवे.
खैर ब्याह हुआ… दोनों हनीमून पे गए…
4 – 6 दिन बाद लौटने लगे तो घराली बोल्ली… ए जी… वो हनीमून कद होवेगा…
बाबू बोल्या, रै बावली… ये जो 4 दिन से चल लिया था जे ही तो हनीमून था…
धत्त तेरे की… यू हनीमून? अरे ईसा हनीमून तो मैंने कई साल अरहर और गन्ने के खेतों में मनाया है…
इधर कांग्रेस भोत दिन से लिनचिंग लिनचिंग कर रही थी. कल राज्य सभा में प्रकाश जावडेकर ने कांग्रेस को पुराने हनीमून याद दिला दिए.
अजी ये क्या Lynching… 4 आदमियों ने एक आदमी पीट दिया वो मर गया. अगर ये Lynching तो वो क्या थी जब नेल्ली में एक ही रात में 6000 मारे थे?
भिवंडी, भागलपुर, मुरादाबाद, मेरठ… जब सैकड़ों-हज़ारों मरते थे तो वो क्या था? अगर ये Lynching तो वो क्या था जब 3000 सिख एक दिन में जिंदा जलाए थे?
डार्लिंग… तुम मोहल्ले भर से Gang Bang करो… और हमने गाल पे एक अदद चुम्मा ले लिया तो बुरा मान गयी.
कल हमने राज्यसभा मे पुराने हनीमून क्या याद दिया दिए, Darling कांग्रेस बुरा मान भाकआउट कर गयी… भक्ककक आउट…