अब हिन्दू समाज को सोचना है कि इन जैसे नेताओं से कैसे निपटना है

मशहूर फिल्म ‘गैंग्स ऑफ़ वासेपुर’ में सरदार खान पुलिस अधीक्षक के दफ्तर में, एसपी साहब के सामने ही विधायक जी को दुइ पड़ाका धर देता है. रामाधीर सिंह हतप्रभ है… एसपी साहब लाचार…

रामाधीर का विधायक बेटा सरदार खान से पूछता है… साला एक विधायक पर हाथ उठाता है? हमारे सामने औकात क्या है तुम्हारी?

तब सरदार खान उसे अपनी औकात बताता है… घर जा के, जब अपने बाप की पीठ खुजा रहे होंगे न, तब उस से पूछना हम कौन हैं…

हे एसपी साहब… एक विधायक को सरेआम थाने में थप्पड़ मारने पर कितने महीने की सज़ा है… तब तक एक हाथ असग़र भी धर देता है… अब तो हमहूँ जाएंगे जेल…

थाने में विधायक-सांसद को पीटने पर सज़ा हो सकती है… पर संसद और विधान भवन में अगर सांसद, सांसद को मार दे तो कोई सज़ा नहीं… पर इसके बावजूद भाजपा सांसदों ने नरेश अग्रवाल को कुछ नहीं कहा.

दरअसल नरेश अग्रवाल का ये बयान यूँ ही Slip of Tongue नहीं है बल्कि सोच समझ कर दिया गया है. जब नमाजवादी पाल्टी अर्थात समाजवादी पार्टी के जादो कुनबे में घमासान मचा, इतना तो सभी समझ रहे थे कि अगले चुनाव में सपा का सूपड़ा साफ होना तय है. ऐसे में चूहों ने डूबते जहाजों से भागना शुरू कर दिया था. सपा, बसपा, कांग्रेस सभी पार्टियों से पलायन हो रहा था.

नरेश अग्रवाल भी सपा छोड़ भाजपा ज्वाइन करने वाले थे. परदे के पीछे सारी बात तय हो चुकी थी. सिर्फ घोषणा बाकी थी. पर अंतिम क्षण में न जाने क्या हुआ, शायद नागपुर से फरमान आया… या भाजपा में सर्वोच्च स्तर पर सहमति न बनी, मामला खटाई में पड़ गया.

जॉइनिंग नहीं हुई… पर इस संभावित जॉइनिंग की खबर से मुस्लिम समाज में जो सन्देश जाना था वो पहुँच चुका था.

यूपी में सपा, बसपा और कांग्रेस की राजनीति मुस्लिम वोट को नज़रअंदाज़, नाराज़ करके नहीं की जा सकती. सेक्युलर राजनीति में मुस्लिम वोट core वोट का काम करता है. वही नींव है. उसी नींव पर इमारत खड़ी होती है.

Core वोट के साथ अपनी जाति का प्रतिबद्ध वोट जुड़ जाए तो राजनीति खड़ी हो जाती है. यूपी बिहार में कांग्रेस का पराभव इसीलिये हुआ कि उसका Core वोट उसे छोड़ गया… कांग्रेस का core वोट मने मुसलमान, दलित, ब्राह्मण…

सपा छोड़ भाजपा में जाने की खबरों से नरेश अग्रवाल को जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई की गई है संसद में ये बयान दे कर… अगर बाहर देते तो अब तक जेल में होते… संसद में तो विशेषाधिकार है…

अब हिन्दू समाज को सोचना है कि सपा, बसपा के नरेश अग्रवाल जैसे नेताओं से कैसे निपटना है…

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