पेइचिंग. चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों ने धार्मिक तौर-तरीकों को मानना जारी रखा तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. धार्मिक मामलों पर नजर रखने वाले विभाग ने कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों को चेतावनी देते हुए कहा है कि पार्टी की विचारधारा को मानते हुए सच्चा मार्क्सवादी बनने के लिए उन्हें नास्तिक बनना होगा.
धार्मिक मामलों के विभाग को अंदेशा है कि विदेशी ताकतें धर्म को हथियार बनाकर चीन में घुसपैठ करने और इसकी सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं. सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, अगर कोई सदस्य धार्मिक तौर-तरीकों को मानना जारी रखता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
उल्लेखनीय है कि वामपंथी विचारधारा वाली चीन की कम्युनिस्ट पार्टी आधिकारिक तौर पर किसी धर्म को नहीं मानती. मार्क्सवादी सिद्धांतों के मुताबिक पार्टी खुद को नास्तिक बताती है.
अगर चीन के संविधान की बात करें, तो वहां लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है. इस संवैधानिक अधिकार के बावजूद अगर चीन की सत्तारूढ़ पार्टी अपने सदस्यों पर जबरन नास्तिकता अपनाने का दबाव डाल रही है, तो यह साफतौर पर संविधान के खिलाफ है.
धार्मिक मामलों के विभाग निदेशक वांग जुआन ने पार्टी मैगजीन के हालिया अंक में सभी सदस्यों को हिदायत देते हुए लिखा है, ‘पार्टी के सदस्यों को किसी धर्म में यकीन नहीं रखना चाहिए. यह सभी सदस्यों के लिए चेतावनी है.’
वांग ने अपने लेख में दावा किया है कि विदेशी ताकतें धर्म को हथियार बनाकर चीन में घुसपैठ करने और इसकी सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं. वांग ने अपने लेख में लिखा कि पार्टी के सदस्यों को किसी धार्मिक मामले में शामिल नहीं होना चाहिए और न ही ऐसी चीजों का समर्थन करना चाहिए.
वांग ने लिखा, ‘पार्टी के सदस्यों की विचारधारा मार्क्सवादी होनी चाहिए. उन्हें नास्तिक होना चाहिए. सदस्यों को चाहिए कि वे पार्टी के नियमों का पालन करें. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के सदस्यों को धर्म में विश्वास रखने व धार्मिक तौर-तरीके अपनाने की इजाजत नहीं है.’
काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन्स नामक अमेरिकी थिंक टैंक के मुताबिक़ यूं तो कम्युनिस्ट पार्टी आमतौर पर सभी धर्मों के प्रति सहिष्णुता दिखाती है, लेकिन अपने सदस्यों को धार्मिक तौर-तरीकों का पालन करने से वह हमेशा रोकती आई है.