नई दिल्ली. यूपी में हत्या समेत 74 गंभीर आपराधिक मामलों से जुड़े रिकार्ड गायब होने के मामले में नाराज सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. राज्य सरकार की गंभीरता पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने चेतावनी दी है कि दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा. साथ ही इस मामले में सीबीआई को भी पार्टी बनाया गया है.
सोमवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने 74 आपराधिक मामलों के रिकार्ड गायब होने को बेहद गंभीर बताया. कोर्ट ने जानना चाहा कि आखिरी बार यह फाइलें किन-किन अधिकारियों के पास थीं. सरकार को एक-एक मामले का रिकार्ड बताने के लिए कहा गया है.
कोर्ट ने कहा कि दोषी अधिकारी भले ही किसी पद पर क्यों न हों उसे एक झटके में निलंबित कर दिया जाएगा. यह रिकार्ड इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित अपील के दौरान गायब हुआ था.
वहीं यूपी सरकार की ओर से पेश वकील ने बेंच से कहा कि यह सभी मामले 1981 से 1991 के बीच के हैं. उन्होंने कहा कि वह कोर्ट के सामने पूरा रिकार्ड पेश करेंगे. अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी.
गौरतलब है कि हत्या व कातिलाना हमले समेत 74 आपराधिक मामलों के आरोपी निचली अदालत से बरी हो गए थे. इन फैसलों को राज्य सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
अपील लंबित रहने के दौरान ही इन मामलों के रिकार्ड गुम हो गए. इनमें से एक मामले में बगैर रिकार्ड के ही राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी.