बेंगलुरु. कर्नाटक सरकार ने डीआईजी जेल डी रूपा का तबादला यातायात विभाग में कर दिया है. रूपा ने बेंगलुरु सेंट्रल जेल में एआइएडीएमके नेता शशिकला को मिलने वाली सुविधा का खुलासा किया था. कर्नाटक सरकार ने इसे रूटीन तबादला बताया है.
हालांकि रूपा ने कहा है कि उन्हें अभी तक नोटिस नहीं मिला है. नोटिस मिलने पर वो अपनी प्रतिक्रिया देंगी. वहीं, डीआइजी डी रूपा के तबादले पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. महिला आयोग की सदस्य निर्मला सावंत ने कहा कि सिद्धरमैया सरकार के इस फैसले से गलत संदेश गया है.
भ्रष्टाचार के मामलों में शशिकला बेंगलुरु की सेंट्रल जेल में कैद हैं. एक आरटीआई कार्यकर्ता ने आरोप लगाया था कि एक महीने में शशिकला से 14 मौक़ों पर 28 लोगों ने बेंगलुरु सेंट्रल जेल में मुलाक़ात की. आरटीआई कार्यकर्ता नरसिम्हा मूर्ति ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे जेल मैनुएल का उल्लंघन बताया था.
इस मामले की जांच कर रिपोर्ट देने वाली डीआईजी जेल डी रूपा ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि शशिकला को खास सुविधाएं मिल रही हैं, इसमें खाना बनाने के लिए स्पेशल किचन भी शामिल है.
खबरों के मुताबिक बेंगलुरु की सेंट्रल जेल में बंद एआईएडीएमके प्रमुख शशिकला को वीवीआईपी ट्रीटमेंट मिल रहा है. शशिकला के लिए जेल में 2 करोड़ की लागत से एक अलग किचन की व्यवस्था की गई है. किचन बनाने में आने वाले खर्च का भुगतान शशिकला ने किया था.
इसके बाद डीआईजी रूपा ने डीजीपी जेल एचएसएन राव को पत्र लिखा, जिसमें शशिकला द्वारा अधिकारियों को रिश्वत के तौर पर दो करोड़ रुपए देने की बात है. यहां तक कि डीआईजी ने डीजीपी को भी इसमें शामिल बताया.
वहीं, डीजीपी जेल ने कहा कि अगर डीआईजी ने जेल के अंदर ऐसा कुछ देखा था तो इसकी चर्चा उनसे करनी चाहिए थी. यदि उन्हें लगता है कि मैंने कुछ किया तो मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं. राव ने बताया था कि कर्नाटक प्रिजन मैनुएल के रूल 584 के तहत ही शशिकला को छूट दी गई थी.