संघ प्रमुख मोहन भागवत को आतंकवादियों की सूची में डालना चाहती थी कांग्रेस!

नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2014 से पहले कांग्रेस द्वारा उछाला गया ‘भगवा आतंकवाद‘ का मुद्दा यूं ही नहीं सामने आया था, बल्कि इसके पीछे कांग्रेस का बेहद संगीन षड्यंत्र था. एक खुलासे में यह पता चला है कि कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए की सरकार अपने अंतिम दिनों में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को आतंकवादियों की सूची में डालना चाहती थी.

एक अंग्रेज़ी समाचार चैनल के पास मौजूद दस्तावेजों के मुताबिक यूपीए सरकार अपने अंतिम दिनों में आरएसएस चीफ मोहन भागवत को आतंकवादियों की सूची में डालना चाहती थी. इसमें बताया गया कि भागवत को ‘हिंदू आतंकवाद’ के जाल में फंसाने के लिए कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार के मंत्री कोशिश में जुटे थे.

अजमेर और मालेगांव ब्लास्ट के बाद यूपीए सरकार ने ‘हिंदू आतंकवाद’ थ्योरी दी थी. इसी के तहत सरकार मोहन भागवत को फंसाना चाहती थी. इसके लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के बड़े अधिकारियों पर दबाव डाला जा रहा था.

जांच अधिकारी और कुछ आला अफसर अजमेर और कई अन्य बम विस्फोट मामले में तथाकथित भूमिका के लिए भागवत से पूछताछ करना चाहते थे. ये अधिकारी यूपीए के मंत्रियों के आदेश पर काम कर रहे थे, जिसमें तत्कालीन गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे भी शामिल थे. ये अधिकारी भागवत को पूछताछ के लिए हिरासत में लेना चाहते थे.

करंट अफेयर मैगजीन कारवां में फरवरी 2014 में संदिग्ध आतंकी स्वामी असीमानंद का इंटरव्यू छपा था. उस समय वो पंचकुला जेल में थे. इस इंटरव्यू में कथित तौर पर भागवत को हमले के लिए मुख्य प्रेरक बताया.

इसके बाद कांग्रेस ने एनआईए पर दबाव बनाना शुरू किया, लेकिन जांच एजेंसी के मुखिया शरद कुमार ने इससे इनकार कर दिया. वह इंटरव्यू के टेप की फ़ोरेंसिक जांच करना चाहते थे. जब चीजें आगे नहीं बढ़ीं तो एनआईए ने केस को बंद कर दिया.

रिपोर्ट के बारे में इस अंग्रेज़ी चैनल से बात करते हुए, केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, “सरकार को इस पत्राचार को सार्वजनिक करने पर एक नजर रखना होगा, लेकिन मैं मानता हूं कि इस खुलासे के बाद, यह पूरी तरह सार्वजनिक क्षेत्र में आना चाहिए.”

उल्लेखनीय है कि जल्द ही संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है और इससे ठीक पहले इस सनसनीखेज़ खुलासे के बाद संसद में भारतीय जनता पार्टी के सवालों पर कांग्रेस को जवाब देना और मुंह छिपाना भी मुश्किल होगा.

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