संकट में सजगता ज़रूरी है ना कि Motivational Books को पढ़ना

मुझे motivational quotes, प्रेरणादायी वाक्य, उत्साहवर्धक कथन, हिम्मत न हारने को कहने वाली कहानियां बड़ी उबाऊ लगती है, एकदम boring.. पढ़कर जम्हाई आती हैं औऱ करवट बदलकर सो जाता हूँ.. कोई किस तरह संघर्ष करके कहाँ पहुँच गया इससे मुझे रत्ती भर का भी जोश नहीं आता.. मैं बस अपने सामने खड़ी समस्याएँ देखता हूँ, औऱ परिस्थितियों के हिसाब से ही मुझे जोश या अजोश आता है..

शिव खेड़ा की book मुझे वाहियात लगती है, सफलता कैसे मिले इसके lecture मैं भी ठेल सकता हूँ, और आप भी.. बहुत कम points होते हैं, a set of rules.. लक्ष्य पर ध्यान लगाओ, अर्जुन की तरह किसी औऱ चीज पर ध्यान न हो.. बाकि सब चीजों, व्यक्तियों से संपर्क कम कर लो, उठते जागते लक्ष्य के बारे में ही सोचो.. भरपूर मेहनत करो, तब तक न सोवो जब तक लक्ष्य न प्राप्त कर लो bla bla bla.. तमाम जम्हाई दिलाने वाली बातें..

बीच समंदर में, बीच नदी में डूब रहे हो, और तैरना बिलकुल न आता हो तो कुछ seconds हाथ पाँव मारोगे, जब तक जान है.. फिर थक जाओगे, क्योंकि समझ आ जायेगा, दिमाग में घुस जाएगा कि अब कुछ नहीं हो सकता.. डूबना तय है.. उस समय कोई motivational quote आपके काम नहीं आएगी, न शिव खेड़ा और न ही स्वामी विवेकानंद के प्रेरक वाक्य ही आपको बचा पाएंगे..

हो सकता है आपमें कुछ मिनटों या सेकंडों की जान और बची हो, कुछ देर और संघर्ष कर सकते हों, पर परिणाम समझ में आ जाने पर शरीर ढीला छूट जायेगा.. आप डूब जायेंगे, शरीर में संघर्ष की कुछ और बची संभावना के साथ, संभावना के बावजूद..

वहीँ. अगर आपको थोड़ी दूर पर कोई नाव, कोई जहाज दिख जाए.. तो वो बची हुई संभावना आपके हाथ पाँव फिर से हिलाने लगेगी, थोड़ा जोश आ जायेगा.. आप कर्मठ हो जायेंगे क्योंकि नाव. जहाज के रूप में आपको “उम्मीद” दिख जायेगी.. आपको लगेगा कि थोड़ी देर survive कर लूं, संघर्ष कर लूं तो बचने की संभावना है..

अँधेरे में चले जा रहे हों तो दूर जल रही आग, या छोटा सा टिमटिमाता बल्ब भी आपको उत्साह दिला सकता है, कोई motivational quote नहीं.. अपने आसपास देखिये, ऐसा कोई बल्ब है क्या, कोई रौशनी की किरण है क्या, कोई नाव या कोई जहाज है क्या.. औऱ अगर ऐसा कुछ दिख जाए तो अपने अंदर बची हुई संभावना, संघर्ष की संभावना को बाहर ले आइये, कुछ देर का संघर्ष और सही.. motivational books को पढ़ने में समय नष्ट न कोजिये.. संकट में सजगता जरूरी है, जानकारी और मौके की तलाश कीजिये, क्या पता..

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