नई दिल्ली. विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री सुरेन्द्र कुमार जैन ने कहा है कि गोसेवा के पवित्र कार्य में हिंसा का कोई स्थान नहीं है. उन्होंने दावा किया कि उनके लोगों को हिंसा के लिए बदनाम किया जा रहा है. विहिप का कहना है कि इसके पीछे मांस निर्यात करने वाली लॉबी है.
जैन की यह प्रतिक्रिया प्रधानमंत्री के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि गोरक्षा के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं है. जैन ने कहा कि हिंसक घटनाओं की जांच के परिणामों की प्रतीक्षा किए बगैर विहिप-बजरंग दल के नाम को अनावश्यक रूप से उछाला जाता है, उससे ही उनके इरादे स्पष्ट हो जाते हैं.
सुरेंद्र जैन ने मंगलवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये दावा किया. उन्होंने कहा कि इस मामले में मीडिया सिर्फ एक तरफा चीजें दिखा रहा है. उन्होंने दावा किया कि गौ रक्षा में लगे कार्यकर्ताओं को भी हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है, लेकिन इसकी कोई चर्चा नहीं हो रही है.
उन्होंने कहा, विहिप एवं संपूर्ण हिन्दू समाज गोरक्षा के लिए समर्पित है. देशभर में हमारी 450 से अधिक गोशालाएं चलती हैं इनके अलावा हमारे कार्यकर्ता 1500 अन्य गौ शालाएं भी चलाते हैं. जिनमें, विहिप सहयोग करती है.
जैन ने कहा कि देश में गोरक्षा को लेकर निहित स्वार्थों द्वारा जो जहरीला वातावरण बनाया जा रहा है, इसके समाधान का एक मात्र मार्ग है, गोरक्षा के लिए केन्द्रीय कानून बने. उसका सख्ती से पालन हो. इसके लागू होने के बाद किसी को गोरक्षा के लिए संघर्ष की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.
उन्होंने कहा कि गोरक्षा के महत्व को समझते हुए ही महात्मा गांधी ने कहा था कि गोरक्षा के बिना स्वराज अधूरा है. स्वतंत्रता प्राप्त होते ही उन्होंने कहा था कि जिनको गोमांस खाने की आदत है, उनको अपनी आदत बदल लेनी चाहिए. आचार्य विनोबा भावे ने गोरक्षा के लिए केन्द्रीय कानून को लेकर आमरण अनशन किया था.
जैन ने कहा कि पिछले एक दशक में केवल मीडिया में छपी घटनाओं का विश्लेषण करें तो पता चलता है कि 120 बार गो हत्यारों ने पुलिस व गोरक्षकों पर प्राणघातक हमले किए हैं. वे खुलेआम हथियार लेकर चलते हैं. इसी अवधि में 50 से अधिक गोरक्षकों व पुलिस कर्मियों की हत्या भी हो चुकी है. इससे साबित होता है कि गोरक्षक अत्याचारी नहीं, पीड़ित हैं.
विहिप संयुक्त महामंत्री ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से स्वार्थी तत्व तरह-तरह के साइन बोर्डों का प्रयोग करके गोरक्षा के काम को लांछित करने का प्रयास कर रहे हैं. इनमें सक्रिय लोगों के नाम पढ़ने पर ध्यान में आता है कि ये वही लोग हैं जो राजनैतिक कारणों से किसी मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरते हैं और हिन्दू संगठनों के विरोध में अंतरराष्ट्रीय तत्वों के पक्ष में वातावरण बनाने का प्रयास करते हैं.
जैन ने कहा कि वो किसी भी प्रकार की हिंसा के खिलाफ हैं. सुरेंद्र जैन ने कहा कि केरल समेत कई जगहों पर बीफ फेस्टिवल हुआ जो बेहद ही आपत्तिजनक है. उन्होंने इसे बहुसंख्यक हिंदुओं को जानबूझकर चिढ़ाने वाला कदम करार दिया.