चैपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान की भारत पर जीत के बाद कश्मीरी अलगाववादी नेता मीरवायज उमर फारूख ने पाकिस्तान को बधाई दी, कश्मीर में हज़ारों अलगाववादी देशद्रोही सड़कों पर निकल आये, जोरदार आतिशबाजी के साथ पाकिस्तान जिंदाबाद और भारत मुर्दाबाद के नारे लगाये जो बताते है कि सत्तर साल के सेकुलरी शासन में कश्मीर घाटी का पूरी तरह बगदादीकरण हो चुका है और वहां इस तरह के दृश्य सामान्य है.
यद्यपि हमारी सरकार को आशा है कि कश्मीरी एक दिन भारत की महान गंगा-जमुनी सेकुलर विरासत और संविधान से प्रभावित होकर खुद ही कश्मीर घाटी का भारतीयकरण कर देगें और उसी दिन कश्मीर घाटी से धारा 370 खत्म हो जायेगी.
रविवार को चैपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान के हाथों भारत की करारी हार हुई तो जो नजारे कश्मीर घाटी में नजर आते थे वो पूरे भारत में दिखाई देने लगे. पूरे देश से खबरें आने लगी कि जगह जगह पटाखे फोड़े जा रहे हैं, भारत मुर्दाबाद और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगने शुरू हो गये.
8 जून 2017 को थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि भारतीय सेना बाहरी के साथ-साथ आंतरिक खतरों से निपटने के लिये भी तैयार है. उन्होने ढाई मोर्चे पर एक साथ जंग लड़ने की बात कही.
चीन और पाकिस्तान को उन्होने एक-एक नंबर दिया और, आंतरिक खतरे को आधा. यद्यपि सेना प्रमुख बेहद योग्य और सक्षम है और यहां उनकी योग्यता पर प्रश्नचिह्न लगाना उद्देश्य नही है पर उनके ढाई मोर्चे की जो बात है उसमें उन्होंने थोड़ी गलत गणना कर ली है.
उन्होंने जिस मोर्चे को आधा मोर्चा कहा है भविष्य में वही मोर्चा मुख्य मोर्चा बनने जा रहा है. जिस तरह से देश की जनांकिकी में परिवर्तन आ रहा है वैसे वैसे कश्मीर जैसे नजारे पूरे देश में नजर आने लगे हैं. कश्मीर से चली अलगाव और देशद्रोह की जहरीली हवा 70 साल बाद अब बंगाल, केरल, राजस्थान, असम हर जगह फैल गयी है.
कश्मीर घाटी का भारतीयकरण कब होगा या कैसे होगा इसके आसार तो कहीं नजर नहीं आ रहे पर पूरे भारत का कश्मीरीकरण हो रहा है ये अब सबको साफ-साफ नजर आने लगा है.