जारी होगा नीट रिज़ल्ट, सुप्रीम कोर्ट ने हटाई मद्रास हाई कोर्ट की रोक

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्‍ट (NEET) के नतीजे पर लगी रोक हटाते हुए सीबीएसई को रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के रोक को हटाने का आदेश दिया है.

उल्लेखनीय है कि तीन हफ्ते पहले मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने 8 जून को घोषित होने वाले रिजल्ट पर रोक लगा दी थी. इसके बाद सीबीएसई ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.

इस रोक का असर 12 लाख कैंडिडेंट्स पर पड़ा था. करीब साढ़े दस लाख स्टूडेंट्स ने हिंदी और अंग्रेजी विषय में यह परीक्षा दी है. करीब डेढ़ लाख स्टूडेंट्स रीजनल लैंग्वेज के जरिए इसमें शामिल हुए थे.

उच्च न्यायालय ने 24 मई को कई याचिकाओं पर नीट परिणाम के प्रकाशन पर अंतरिम रोक लगाई थी. याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि परीक्षा में एक जैसा प्रश्नपत्र नहीं दिया गया और अंग्रेजी तथा तमिल भाषाओं के प्रश्नपत्रों में बहुत अंतर है.

सीबीएसई ने न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की अवकाशपीठ के सामने इस मामले का उल्लेख किया और कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के कारण काउंसलिंग का पूरा कार्यक्रम और इसके बाद मेडिकल पाठ्यक्रमों में नीट के जरिये प्रवेश में अवरोध पैदा हो गया है.

सीबीएसई की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने पीठ से कहा कि नीट परीक्षा 2017 बोर्ड द्वारा आयोजित की गई और इस में करीब 12 लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया. सिंह ने विभिन्न उच्च न्यायालयों की याचिकाओं को शीर्ष अदालत में स्थानान्तरित करने का भी अनुरोध किया.

इस साल नीट का एग्‍जाम हिंदी और अंग्रेजी के अलावा अन्‍य आठ भाषाओं में हुआ था. मद्रास हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर यह बात कही गई थी कि स्थानीय भाषाओं में पूछे गए सवाल अंग्रेजी भाषा में पूछे गए सवालों के मुकाबले आसान थे.

वहीं गुजरात हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर कहा गया था कि गुजराती में पूछे गए सवाल अंग्रेजी के मुकाबले कठिन थे. गुजरात में नीट मामले पर मंगलवार को सुनवाई की गई थी.

वहीं सीबीएसई ने इस मामले में कहा था कि सभी पेपरों को मॉडरेटरों ने तय करके एक ही लेवल का निकाला था. बोर्ड का कहना है कि सभी भाषा में पेपर का डिफिकल्टी लेवल एक जैसा ही था.

नीट का आयोजन मेडिकल और डेंटल कॉलेज में एमबीबीएस और बीडीएस कोर्सेस में प्रवेश के लिए किया जाता है. इस परीक्षा के द्वारा उन कॉलेजों में प्रवेश मिलता है, जो मेडिकल कांउसिल ऑफ इंडिया और डेटल कांउसिल ऑफ इंडिया के द्वारा संचालित किया जाता है.

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