तेहरान. ईरान ने अमेरिका पर बेहद संगीन आरोप लगते हुए उस पर बर्बर इस्लामिक आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) की मदद करने का आरोप लगाया है.
ईरान के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका न केवल ISIS को सहारा दे रहा है, बल्कि उसके साथ मिलकर काम भी कर रहा है. ईरानी अधिकारियों ने यह दावा भी किया कि उनके पास अपने आरोपों को साबित करने के लिए सबूत भी हैं.
ईरानी अधिकारियों ने कहा कि उनके पास अपने आरोपों की पुष्टि के लिए कागजात हैं, लेकिन फिलहाल ईरान की ओर से किसी तरह का सबूत पेश नहीं किया गया है.
ईरान के सशस्त्र बल के डेप्युटी चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल मुस्तफा इजादी ने रविवार को कहा कि अमेरिका ISIS की मदद कर रहा है. उन्होंने कहा कि तेहरान के पास अपने आरोपों को सिद्ध करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं.
ईरान की फार्स न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इजादी ने कहा, ‘अमेरिकी साम्राज्यवाद किस तरह इस पूरे मध्यपूर्वी एशिया के क्षेत्र में ISIS को सीधे-सीधे मदद दे रहा है, इसे साबित करने के लिए हमारे पास कागजात और तमाम जानकारियां मौजूद हैं. ISIS ने इस्लामिक देशों को बर्बाद कर दिया और इतने बड़े स्तर पर जनसंहार किया.’
इजादी के मुताबिक, ISIS को कथित तौर पर मदद देकर अमेरिका ने मध्यपूर्वी एशिया क्षेत्र में छद्म युद्ध शुरू कराया. इजादी ने कहा कि अमेरिका जैसी आक्रामक शक्तियां इस नई तरकीब से ईरान को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं.
इससे पहले ईरान की संसद के स्पीकर अली लरिजानी ने भी इससे मिलता-जुलता बयान देते हुए कहा था, ‘अमेरिका इस क्षेत्र में ISIS के साथ मिल गया है.’ वे बुधवार को ईरान की संसद और खमैनी मकबरे पर हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार के मौके पर बोल रहे थे.
इस मौके पर लरिजानी ने यह भी कहा था कि ‘यह आतंकवादी हमला इस बात का सबूत है कि आतंकवादी संगठन अपने मुख्य मकसद को हासिल करने में नाकामयाब रहे. उन्होंने ईरानी संसद और इमाम खमैनी के मकबरे पर हमला किया. इन हमलों में निर्दोष और बेगुनाह लोग मारे गए.’