आखिर आपको ही तो बुलंद रखना है राष्ट्रवाद का झंडा

भारत-पाक क्रिकेट मैच देखने के समर्थन में जिन लोगों का ‘सुविधाजनक राष्ट्रवाद’ उबाल मार रहा है वो इन बातों पर ध्यान दें…

चैम्पियंस ट्रॉफी के लिये BCCI को टीम 25 दिन पहले ही घोषित करनी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट की निगरानी समिति ने BCCI के लिये बैंक से ‘मनचाहा एमाउंट (फंड)’ रिलीज़ नहीं किया था इसलिये BCCI ने टीम की घोषणा नहीं की.

इसकी वजह से भारत टूर्नामेंट से बाहर भी हो सकता था लेकिन BCCI को तब देश के क्रिकेट प्रेमियों की परवाह नहीं थी… उन्हीं क्रिकेट प्रेमियों की बात कर रहा हूँ जो अब मैच देखने के लिये तरह तरह के तर्क गढ़ रहे है.

अगर BCCI अपनी टीम ही नहीं भेजता तो ये ‘सनसनी प्रेमी’ BCCI का कुछ नहीं उखाड़ पाते. यहाँ ये तो साफ हो गया कि BCCI को सिर्फ पैसे से मतलब है, ना कि देश से और देश के क्रिकेट देखने वाले दर्शकों से.

दूसरी बात यहाँ गौर करने वाली ये है कि BCCI ने टीम की घोषणा में इतनी देर की… फिर भी ICC ने उसे कोई चेतावनी या धमकी नहीं दी कि इस डेट तक अगर कन्फर्म नहीं करोगे तो हम तुम्हे चैम्पियनशिप से बाहर कर देंगे!

आखिर सोने का अँडा देने वाली मुर्गी को अब कौन काटता है?

जब BCCI को अपने पैसे की ताकत का अंदाजा है तो वो भारत-पाक मैच को लेकर अंतराष्ट्रीय टूर्नामेंट होने का हवाला क्यों दे रहा है?

जो BCCI फंड को लेकर टूर्नामेंट छोड़ने का मन बना चुका था, क्या वो ICC को ये नहीं कह सकता था कि अगर पाकिस्तान भी इस टूर्नामेंट में खेलेगा तो हम नहीं खेलेंगे?

क्या उसके ऐसा करने से पाक की फजीहत नहीं होती? ज्यादा से ज्यादा क्या होता? टूर्नामेंट रद्द हो जाता… और क्या?

लेकिन BCCI ऐसा कभी नहीं करेगी क्योंकि उसे तो सिर्फ पैसा कमाना है. ये लोग तो पाकिस्तान के साथ बायलेट्रल सीरिज़ भी खेलने को तैय्यार बैठे है… इन्हें कोई मतलब नहीं जवानों की कुर्बानियों से.

BCCI और PCB की आये दिन होने वाली मीटिंग इस बात की गवाह है कि BCCI के लिये देशहित सबसे आखिरी नम्बर पर है.

साल भर पहले ही पाकिस्तान से सीरिज़ खेलने को बेकरार BCCI और अनुराग ठाकुर का जो भुर्ता सोशल मीडिया पर बना था… तब से ही इनके मुँह बंद है. आप ये मानकर चलिए कि BCCI और PCB दो भाई हैं, जिसे हम लोग गले मिलने से रोके हुए हैं.

अगर आपके लिये जिंदगी में सबसे जरूरी ये आज के मैच का 8 घंटे वाला मनोरंजन है तो… मैच ज़रूर देखे क्योंकि इंद्रिय सुख से बढ़कर तो इस संसार में कुछ है ही नही… सैनिकों की कुर्बानी भी नही…

हाँ, मैच के पहले एक पोस्ट ‘पाकिस्तान समर्थित अलगाववादियों पर’, एक पोस्ट लंदन के आतंकवादी हमले पर जरूर डाल देना… आखिर राष्ट्रवाद का झंडा भी तो आपको ही बुलंद रखना है.

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