बिहार में 65% छात्र फेल हो गए… मने 35% पास हुए… भोत बड़ा स्कैम है जी… भोत बड़ा घोटाला…
अभी दुबारा परीक्षा करा लो किसी ईमानदार निष्पक्ष संस्था से… इन 35% में से भी आधे से ज़्यादा फेल हो जाएंगे.
छात्र-छात्राओं की बात छोड़ो… यूपी-बिहार के प्राइमरी स्कूल के टीचरों और शिक्षा मित्रों की परीक्षा ले लो दसवीं क्लास की… अगर 80% फेल हो जाएं तो मुझे कोई आश्चर्य नहीं होगा.
काशी विद्या पीठ के ट्रिपल MA (MA English, Economics and Sociology) को मैं जानता हूँ जिसे NCERT की 2nd क्लास की अंग्रेज़ी पढ़ाने के लिए पूरा एक महीना तैयारी करनी पड़ी थी.
वो तो भला हो शिशु मंदिरों का और कुछ निजी स्कूलों का, कि थोड़ी बहुत शिक्षा बची है वरना मुलायम, मायावती और लालू यादव का बस चलता तो एकदम्मे चाट जाते.
फिर भी… देर आये दुरुस्त आये… कम से कम अब तो शिक्षा में सुधार आने चाहिए.
शिक्षा से ये Examination System खत्म करो… Marks और Grading सब बंद करो. शिक्षा को लाल फीता शाही और सिलेबस से मुक्त करो.
पूरी ईमानदारी से टीचरों की नियुक्ति करो और उनपे भरोसा करो… उनको गुरुकुल पद्धति से पढ़ाने दो… टीचर को सिलेबस की एक गाइड लाइन दे दो… इतने साल में बच्चे को इतना ज्ञान दे दो…
उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश परीक्षा लो… जो उसमें चयनित हो जाए उसे ले लो…
साक्षर और शिक्षित होने में फर्क है… पूरे देश को साक्षर बनाओ… गिने-चुने लोग आवश्यकतानुसार शिक्षित हों.
जिसको जितनी ज़रूरत सिर्फ उतनी शिक्षा दो… ये प्रोडिकल साइंस से अपने आप मुक्ति मिल जाएगी.