2019 में कांग्रेस को 44 से 4 पर लाने अकेली कन्नूर की घटना पर्याप्त

एक अकेली कन्नूर की घटना पर्याप्त है 2019 में कांग्रेस को 44 से 4 पर लाने के लिए. Congress इस समय अपने जीवन के सबसे बुरे दौर से गुज़र रही है. एक अच्छी लीडरशिप की अग्नि परीक्षा ऐसे ही समय में होती है. अचानक आये Crisis को आप कैसे handle करते हैं.

मुझे UP में दयाशंकर सिंह प्रकरण याद आता है. उनकी बदजुबानी ने भाजपा के लिए भारी मुसीबत खड़ी कर दी थी. भाजपा तुरंत रक्षात्मक मुद्रा में आ गयी. दयाशंकर सिंह को तत्काल निलंबित किया.

भाजपा समर्थकों को बुरा लगा. आरोप लगे कि पार्टी बुरे समय में अपने कार्यकर्ताओं के साथ नहीं खड़ी होती. पर उस समय वही उचित था. इसके बाद जैसे ही मौका मिला, पार्टी ने प्रत्याक्रमण किया.

याद कीजिये स्वाति सिंह प्रकरण. आपको क्या लगता है कि उस समय स्वाति सिंह अकेली लड़ रही थीं? जी नहीं, पर्दे के पीछे पूरी टीम लगी थी. भाजपा ने 3 दिन के भीतर न सिर्फ Damage Control कर लिया बल्कि Advantage ले लिया.

मोदी अमित शाह और Team भाजपा ने कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष को फंसा रखा है. Cow Politics में विपक्ष पूरी तरह उलझ गया है. इन्हें सूझ ही नहीं रहा कि इस मुद्दे को कैसे निपटें.

सोनिया – राहुल में इतनी कूवत नहीं कि पार्टी को इस संकट से उबार लें.

2019 में कांग्रेस की 4 सीट…… लिख लो.

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