जय दुर्गे दुर्गति परिहारिणी
शुंभ विदारिणी माता भवानी
आदि शक्ति परब्रह्म स्वरूपिणि
जगत जननी चहूँ वेद बखानी
ब्रह्मा शिव हरि अर्चन कीन्हो
ध्यान धरत सुर नर मुनि ज्ञानी
अष्ट भुजा कर खड्ग बिराजे
सिंह सवार सकल वरदानी
ब्रह्मानंद चरण में आयो
भव भय नाश करो महारानी