इस बार ये गिरोह नहीं रोक पाया बाहुबली के अंधड़ को मीडियाई बांध से

बाहुबली की आंधी चल रही है. जन-मानस में अमरेंद्र बाहुबली चर्चा का विषय बना हुआ है. देवसेना के चाहने वाले भी बढ़ गए हैं. 1250 करोड़ कमा चुकी ये फ़िल्म भारत की लीजेंड फ़िल्मो में अब पहले पायदान पर है.

मैं हमेशा से कहता रहा हूँ कि फ़िल्म भारतीय जनमानस को झकझोरने का सबसे सशक्त माध्यम है. इस माध्यम को अपने धनुष से साधकर राजामौली ने भारतीयता को मनोरंजन के केंद्र में स्थापित कर दिया है. उनका ये तीर सार्थक सिनेमा के नाम पर विषाक्त फिल्में बनाने वाले गिरोह के कलेजे में भी जा घुसा है.

ये गिरोह दो तरफ़ा मार से परेशान है. आपने ध्यान नहीं दिया खान तिकड़ी के विज्ञापन बाहुबली की आंधी में न के बराबर हो गए हैं. जिस सलमान को बॉक्स ऑफिस का विधाता मान लिया गया था, उसकी सौ करोड़ी सक्सेस अब दो कौड़ी की नहीं रही. अब बौखलाकर गिरोह नए प्रपंच रच रहा है. दंगल की चीनी कमाई के चालीस करोड़ से भी बाहुबली का मखौल उड़ाने की नीच हरकत आप देख ही चुके होंगे.

फ़िल्म में सभी महिला पात्र घूंघट के बगैर दिखाई देती हैं. शिवगामी और देवसेना का चरित्र अत्यंत शक्तिशाली बताया गया है. एक दृश्य में महिष्मती का दूत देवसेना को अपमानित करता है तब देवसेना विवाह प्रस्ताव अस्वीकार कर देती है.

यहां निर्देशक बताता है कि प्राचीन काल में स्त्री स्वतन्त्र थी, घूंघट नहीं करती थी. कुल मिलाकर घर के खूंटे में बंधी गाय नहीं थी. ‘गिरोह’ को ये भरोसा था कि ऐसी फ़िल्म में वे महिला उत्पीड़न आसानी से खोज लेंगे लेकिन ये देखकर उन्होंने दांत पीस लिए कि शिवगामी का वचन ही उसका शासन है.

चौकसे और ब्रम्हात्मज ने अपनी समीक्षाओ में जो जहर उगला उसका कारण बस यही था कि वे अपनी आँखों के सामने खान सल्तनत ख़ाक होते देख रहे थे. वे जानते थे कि वे एक बेहतरीन फ़िल्म की आलोचना कुतर्कों से कर रहे हैं.

इस गिरोह ने माहिष्मती की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किये तो उसके पीछे सोची-समझी साजिश काम कर रही है. लेकिन इस बार ये गिरोह बाहुबली के अंधड़ को मीडियाई बांध से रोक नहीं पाया.

माहिष्मती के गौरव के साथ इक्कीसवीं सदी में ही नहीं बल्कि इतिहास लिखने वालों ने भी छलावा किया है. अमरेंद्र बाहुबली भले ही काल्पनिक चरित्र हो लेकिन  उसकी प्रेरणा इतिहास के एक वास्तविक वीर योद्गा से ली गई है. बस थोडा इंतज़ार और.  माहिष्मती पर नया खुलासा गिरोह की रही-सही आबरू भी छीन लेगा.

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