Marine Le Pen : ये चुनाव व्यक्तियों से अधिक दो कट्टर विरोधी विचारधाराओ का संघर्ष है

आज फ्रांस मे राष्ट्रपति पद के लिये दूसरे दौर का मतदान चल रहा है… इस चुनाव मे पहले दौर की छंटनी के बाद केवल दो उम्मीदवार बचे हैं.

एक है उदारवादी गुट के…. इमेनुऐल मैक्रों
दूसरी ओर दक्षिणपंथी गुट की… मरीन ली पेन

ये चुनाव भारत से हजारो किलोमीटर दूर हो रहे हैं पर ये चुनाव मात्र एक देश के राष्ट्रपति के चुनाव भर नहीं है… इस चुनाव का परिणाम पूरे यूरोप-अमेरिका और दुनिया की राजनीति को प्रभावित करेगा… ये चुनाव व्यक्तियों से अधिक दो कट्टर विरोधी विचारधाराओ का संघर्ष है.

ली पेन जहां यूरोपीय संघ की विरोधी है और उससे अलग होना चाहती है… साथ ही इराक-सीरिया और अफ्रीका के शरणार्थियो पर रोक लगाकर उन्हे अपने देश से बाहर खदेड़ना चाहती है… वो एक समुदाय के सारे धर्मस्थलो को बंद कर उनपर ताला जड़ने की घोषणा चुनाव प्रचार के दौरान खुले रूप से कर चुकी है.

मैक्रों अपनी उदारवादी विचारधारा के चलते ली पेन की इन सारी घोषणाओं का विरोध कर रहे हैं… 8 माह पूर्व जो अमेरिका में हुआ वो सब आज फ्रांस में हो रहा है..

डोनाल्ड ट्रम्प #ली_पेन को जिताने की पहले ही अपील कर चुके है… पुतीन पहले से ही ली पेन की नीतियो का समर्थन कर हैं. मैक्रों ने तो रूस पर ई-मेल हैक करने का आरोप वैसे ही लगाया है जैसे कि हिलेरी ने अमेरिकी चुनाव के दौरान लगाया था… खैर हैकिंग के आरोप तो मायावती और केजरीवाल भी लगाते रहते है… पर मैक्रों भी इन चुनाव मे अकेले नही है… उन्हे जर्मन चांसलर एंजेला मोर्केल का समर्थन मिल रहा है…

उदारवाद…  भारत, अमेरिका और अनेक देशो में क्लीनबोल्ड होने के बाद आख़िरी बल्लेबाज के रूप में मैदान में उतरा है… फ्रांस के इन चुनावों का परिणाम तय करेगा कि उदारवादी टीम #ऑल_आउट होकर मैदान के बाहर होगी या फिर फ्रांस से उसे एक नया जीवनदान मिलेगा…!!!

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