एक स्कूल की मौत : शिक्षा तुम्हारा नाश हो तुम बिल्डिंगों में बंद हो

पिछले दिनों लखनऊ प्रवास में एक मित्र से मुलाक़ात हुई. आप उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारी हैं और किसी ज़माने में मेरे जिले गाजीपुर में SDM पद पर रहे थे. मेरे फेसबुक मित्र हैं और शिक्षा को ले के मेरे विचारों से भली भांति अवगत हैं.

उनसे लंबी चर्चा हुई. एक पुराना किस्सा बताने लगे… तब जब कि यूपी की सरकार ने गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों के विरुद्ध अभियान चलाया था और सरकार के अधिकारी ऐसे विद्यालयों पे बाकायदे छापे मारते थे… ऐसे विद्यालयों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाता था…

सो वो मित्र ऐसे ही एक विद्यालय में गए जिसे एक पढ़ा-लिखा बेरोज़गार युवक बड़ी शिद्दत, बड़े मनोयोग से चलाता था… बिना किसी मान्यता के…

नए-नए नियुक्त हुए प्रशासनिक अधिकारी ने जोश में आ के बिना मान्यता के चल रहे “अवैध स्कूल” के संचालक को उसके विद्यार्थियों के सामने ही 4 पड़ाका धर भी दिया कान के पीछे… ‘साले तुम्हारी इतनी हिम्मत कि बिना मान्यता के स्कूल चला के बच्चों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हो… बंद करो…’

खैर, वो स्कूल तो बंद करा दिया पर आगे की नौकरी में जब गाजीपुर के शिक्षा माफिया के बाकायदा मान्यता प्राप्त स्कूल देखे, उनकी भव्य इमारतें देखी तो अहसास हुआ कि वो गरीब लड़का कितनी मेहनत, कितने पुरुषार्थ और कितनी लगन से, डूब के बच्चों को पढ़ाता था…

मित्र ये किस्सा सुनाते इमोशनल हो गए, कहने लगे कि मुझे आज भी उस लड़के का चेहरा याद आता है, जिसे मैंने उसके students के सामने ही मार दिया, उसका स्कूल बंद करा दिया…

उन्होंने कहा, ज़िन्दगी ने कभी उसे Sorry कहने का मौका तक न दिया क्योंकि वहां से transfer हो गयी… आज महसूस होता है कि वो लड़का कितना अच्छा काम कर रहा था…

आज नॉएडा के सेक्टर 55 की रेडियंट अकैडमी की असमय मौत हो गयी. सीबीएसई ने उसे Deaffiliate कर दिया… क्योंकि उसके पास CBSE की शर्तों के अनुसार पूरी एक एकड़ जमीन नही है. अब रेडियंट अकैडमी कक्षा 9 और 11 के बच्चों का एडमिशन नहीं ले पाएगी.

भारत में आपके पास यदि कोई ज्ञान है, कोई कौशल है, कोई हुनर कोई अनुभव है, तो आप इसे बच्चों को नही दे सकते… आप सेवानिवृत्त हैं, आपके पास अनुभव का भंडार है, इसके बावजूद आप किसी स्कूल में बच्चों को नहीं पढ़ा सकते क्योंकि आप बीएड नहीं हैं… आप लाख बुद्धिमान हैं आप किसी स्कूल में नहीं पढ़ा सकते यदि आपने C TET नहीं किया है.

आप अपने गांव के बच्चों को नहीं पढ़ा सकते जब तक कि आप शिक्षा विभाग के मानकों के अनुरूप डेढ़ दो करोड़ की बिल्डिंग न बनवा लें… आप पेड़ के नीचे बैठा के बच्चों को अब नही पढ़ा सकते…

चला गया वो समय जब गुरुजन गुरुकुलों में पेड़ों के नीचे बैठा के बच्चों को पढ़ाया करते थे. अब तो वातानुकूलित (AC) बिल्डिंग होनी चाहिए.

मुझे बताया गया है कि ये जो फेसबुकिये सब मिल के उदयन चलाते हैं न, गैरकानूनी काम है… सरकार कभी भी बंद कर देगी और उठा के जेल में डाल देगी…

शिक्षा अब गुलाम हो गयी है शिक्षा विभाग की और CBSE की… जो CBSE से पूछे बिना पढ़ायेगा उसे लटका दिया जाएगा.

शिक्षा को मुक्त करो इन बेड़ियों से…. जिन विद्यालयों के पास आपके मानक के अनुरूप भवन और संसाधन नहीं उन्हें गुरुकुल के रूप में मान्यता दो…

शिक्षा तुम्हारा नाश हो तुम बिल्डिंगों में बंद हो… शिक्षा को इन भव्य इमारतों से आज़ाद करो… शिक्षा को इन बेड़ियों से, इस लाल फीते से आज़ाद करो…

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