केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत रैंकिंग 2017 जारी की है जिसमें इंदौर ने पहला स्थान हासिल किया है. भोपाल को दूसरा स्थान मिला है.
गौरतलब है कि पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत के तहत यह सिटी रैंकिंग जारी की है. आने वाले समय में केंद्र इसमें अपना इनपुट देगा और इन शहरों के डेवलपमेंट पर काम करेगा. इस योजना में 434 शहरों को शामिल किया गया था जिसमें मप्र ने बाजी मारी है.
ऐसा रहा अंकों का गणित
2000 अंकों के लिए सर्वे किया गया था जिसमें निगम के अपने स्तर पर किए काम को 900 अंक, केंद्र की टीम के मूल्यांकन के 500 अंक और साफ सफाई पर लोगों के फीडबैक के 600 अंक मिले हैं.
इन आधारों पर तय हुई रैकिंग
केंद्र सरकार ने स्वच्छता के लिए इन शहरों में तीन बार सर्वेक्षण करवाया जिसमें प्रदेश का नंबर तीसरे सर्वेक्षण में लग पाया है. सर्वेक्षण में रैकिंग कई स्तरों को ध्यान में रखकर दी गई. जैसे- घर-घर से कचरा संग्रहण, शहर में शौचालयों की स्थिति, ठोस कचरा प्रबंधन, शहर के रहवासियों का सफाई को लेकर आदतों में सुधार के लिए अवेयरनेस प्रोग्राम आदि. इन सभी स्तरों में इंदौर ने बेहतर प्रदर्शन किया है. शहरी विकास मंत्रालय द्वारा बनाई गई काउंसिल ने 38 से ज्यादा शहरों में जाकर सड़क , सार्वजनिक स्थलों, मार्केट, रेल्वे लाइन, बस स्टैंड और कॉलोनियों का सर्वे कर अपनी रिपोर्ट पेश की.
स्वच्छ इंदौर का सपना हुआ साकार
सुबह-सुबह स्वच्छ इंदौर का गाना सुनना अब सबको अच्छा लगेगा, क्येांकि शहरवासियों और नगर निगम कर्मचारियों की मेहनत रंग लाई है. रैकिंग में टॉप 10 में आए शहरों के महापौरों को गुरूवार को दिल्ली में सम्मानित भी किया गया. इंदौर की महापौर श्रीमती मालिनी गौड़ और कमिश्रर संजय दुबे दोनों की इस सम्मान समारोह में मौजूद थे. महापौर ने अपने फेसबुक वॉल पर अपने पुरस्कार ग्रहण की तस्वीर शेयर करते हुए शहरवासियों को बधाई भी दी है.
ऐसे क्लीन हुआ इंदौर
इंदौर में नगर निगम ने सैकड़ों कर्मचारियों और आधुनिक मशीनों से सफाई व्यवस्था को सुचारू बनाया. इतना ही नहीं, इंदौर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर भी काफी ज्यादा काम हुआ है. इंदौर शहर और जिला दोनों ही खुले में शौच मुक्त हो चुके हैं. शहरी व ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया गया है.
– शहर में घर-घर से कचरा उठाने के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया.
– शहर में हर घर से कचरा उठाने के लिए नगर निगम का वाहन पहुंचता है.
– घर से कचरा उठाने के वक्त ही गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग कर लिया जाता है.
– रहवासी इलाके में दिन में एक बार जबकि व्यावसायिक इलाकों में दो बार कचरा कलेक्ट किया जाता है.
– क्लीन इंदौर के लिए शहर में नगर निगम और जिला प्रशासन ने विशेष जागरुकता अभियान चलाए.
– शहर को खुले डस्टबिन से मुक्ति दिलाने के लिए डस्टबिन फ्री अभियान चलाया गया.
– इस अभियान के तहत सुंदर और पूरी तरह से बंद दो डस्टबिन लगाए गए, जिसमें सूखा और गीला कचरा अलग-अलग इकठ्ठा होता है.
– शहर में पांच जगहों पर ट्रांसपोर्टेशन हब बनाए गए, यहां से सारा कचरा ट्रेंचिंग ग्राउण्ड पहुंचता है.
– सूखा और गीला कचरा अलग-अलग होने की वजह से तुरंत प्रोसेसिंग के लिए चला जाता है.
– यहां कचरे से खाद बनाने के अलावा प्लास्टिक सामग्री को प्रोसेस कर सड़क बनाने में भी इस्तेमाल किया जा रहा है.
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से स्वच्छ भारत सर्वे में औद्योगिक नगरी फरीदाबाद ने सबसे तेज तरक्की करने वालों में अपनी पहचान बनाई है. शहरी विकास मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में फरीदाबाद को इसलिए सम्मानित किया कि 2016 में जब स्वच्छता सर्वे किया तो इसकी रैं¨कग 475 शहरों में 379 और अब 2017 में 434 शहरों के सर्वे में 88वें नंबर पर आई.
स्वच्छता सर्वे में फरीदाबाद देश का पहला ऐसा शहर है जिसने इतनी तेजी से सफाई व्यवस्था में सुधार किया है. इस सुधार के लिए निगमायुक्त सोनल गोयल के चार प्रयास आधार बने. इनमें शहर में हुई मैराथन दौड़ के दौरान एकत्र 45 हजार लोगों को स्वच्छता की शपथ दिलाना, रात में शहर की सफाई करवाना, औद्योगिक संस्थाओं को स्वच्छता के कार्यक्रम में सीधे जोड़ना तथा स्लम बस्तियों में खुले में शौच नहीं करने का अभियान चलाकर वहां अस्थायी शौचालय रखवाना शामिल हैं.
इस उपलब्धि पर दिल्ली में केंद्रीय मंत्री से पुरस्कार फरीदाबाद की निगमायुक्त सोनल गोयल, महापौर सुमन बाला, मुख्य अभियंता डी.आर.भास्कर सहित राज्य शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण ने ग्रहण किया. केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने यह सर्वे एक निजी कंपनी क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया से पहले शहर में 17 से 19 जनवरी तक मौके पर टीम भेजकर कराया. इसके बाद क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम ने शहरवासियों से सफाई के बारे में फीडबैक लेकर रिपोर्ट तैयार की. सर्वे तीन पहलुओं पर किया गया.
इस प्रकार की रही रैंकिंग
1 इंदौर
2 भोपाल
3 विशाखापत्तनम (विजाग)
4 सूरत
5 मैसूर (मैसूर)
6 तिरुचिरापल्ली (त्रिची)
7 नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी)
8 नवी मुम्बई
9 तिरुपति
10 वडोदरा
11 चंडीगढ़
12 उज्जैन
13 पुणे
14 अम्दावाद (अहमदाबाद)
15 अंबिकापुर
16 कोयंबटूर
17 खरगोन
18 राजकोट (एम. कॉपज़्)
19 विजयवाड़ा
20 गांधीनगर (एनए)
21 जबलपुर
22 ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी)
23 सागर
24 मुरवाड़ा (कटनी)
25 नवसारी
26 वापी
27 ग्वालियर
28 वारंगल
29 ग्रेटर मुंबई
30 सूयापज़्ेट
31 ताडिपत्रि
32 वाराणसी
33 भावनगर
34 कलोल
35 जामनगर
36 ओंकारेश्वर
37 कुंभकोणम
38 रीवा
39 जेटपुर नवगढ़
40 नारासाराओपेट
41 चास
42 इरोड
43 काकीनाडा
44 तेनाली
45 सिद्दीपेट
46 राजमुंदरी
47 शिमला
48 रतलाम
49 गोधरा
50 गंगटोक
51 सिंगरौली
52 जूनागढ़
53 छिंदवाड़ा
54 भिलाई नगर
55 सीहोर
56 शिरडी (शिरडी)
57 मदुरै
58 देवास
59 होशंगाबाद
60 भरूच
61 पीथमपुर
62 ताम्बरम
63 मंगलूरु (मंगलौर)
64 जमशेदपुर (एनएसी)
65 करनाल
66 द्वारका
67 गांधीधाम
68 तिरुपूर
69 नाडियाड
70 ओंगोल
71 चित्तूर
72 पिंपरी-चिंचवाड़
73 खंडवा
74 मंदसौर
75 सतना
76 चंद्रपुर
77 कोरबा
78 बेतुल
79 बोटाड
80 नांदयाल
81 गिरिडीह
82 होसुर
83 मछलीपट्टनम
84 वेलनाकानी (वेलेंकनी)
85 दुगज़्
86 एलुरु
87 भीमावरम
88 फरीदाबाद
89 अंबरनाथ
90 पणजी
91 हजारीबाग
92 छतरपुर (छतरपुर)
93 गुंतकल
94 भुवनेश्वर टाउन
95 पालनपुर
96 मोरबी
97 ताडेपल्लीगुडेम
98 भुज
99 मेहसाणा
100 लेह