शोले तो सबने देखी है… ठाकुर, जय और वीरू सबकी जुबान पर ही हैं. तो वह दृश्य याद कीजिये जब जय और वीरू गब्बर से लड़ रहे हैं, और ठाकुर से बंदूक उठा कर देने को कहते हैं, और ठाकुर बंदूक उठा कर नहीं देता… फिर अपने कटे हाथों की कहानी सुनाता है…
2014 से आज तक इस सरकार ने देशद्रोहियों को कुचलने के कितने मौके गंवाए हैं, इसकी गिनती कठिन है. 2014 मई से दिसंबर तक देश का जो माहौल था उसके मोमेंटम में आप जो भी कर देते, निकल जाता… ना किसी सुप्रीम कोर्ट को कुछ कहने की हिम्मत होती, ना कोई मीडिया वाला किंकियाता…
फिर भी बहुत मौके मिले जब पूरा जनमत साथ खड़ा था, कुछ निर्णायक होते देखने को आतुर था. चाहे JNU के देशद्रोहियों का मामला हो, चाहे याकूब मेमन की फांसी पर कूदते देशद्रोही बुद्धिजीवियों पर उबलता जनता का आक्रोश हो, या मालदा में सड़कों पर उतरी भीड़ से फैले आतंक पर आपकी प्रतिक्रिया की अपेक्षा हो…
इतने मौके आये जब जनता की अपेक्षा थी कि आप राजदंड उठाएं… अपने 2002 वाले अवतार में नज़र आएं. ऐसे भी मौके आये जब शत्रु धरती पर निहत्था पड़ा था… जब आपने पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी, पूरा देश वाह वाह कर रहा था…
नोटबंदी जैसे कठिन समय में भी जनता ने पूरा साथ दिया… उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक बहुमत देकर जनता ने स्पष्ट संदेश दिया. हम साथ खड़े हैं… और क्या कर सकते हैं, बताइये…
पहले यह पुकार थी… मोदी को आने दो, फिर देखना… फिर कहा, इंतज़ार करो… मोदी को थोड़ा जमने दो, फिर देखना… फिर सुना, बिल में से सांप निकल कर आ रहे हैं… मोदी सबको एक-एक करके सामने ला रहे हैं…
अब समझ में आ रहा है… साँप बिल से निकल कर सामने इसलिए आ रहे हैं, कि उन्हें पता है आपके पास लाठी नहीं है. अब हम कह रहे हैं, मोदी का कोई विकल्प है तो बताइए… यानी जो परसों हमारा सपना था, वह कल हमारी उम्मीद थी वह आज हमारी मजबूरी हो गई है.
मोदीजी, आपके जय और वीरू आज भी आपके साथ खड़े हैं… पर आपसे वही सवाल कर रहे हैं… आप अपने सामने पड़ी बंदूक क्यों नहीं उठा पा रहे ठाकुर… कहीं आपके दुशाले के अंदर आपके हाथ भी तो कटे हुए नहीं हैं?
हम तो लड़ने आये थे उस ठाकुर के लिए, जिसे हमने 2002 में जिहादियों की फौज से लड़ते देखा था… अपनी शॉल उतारो ठाकुर… हम भी देख लें तुम्हारे बाजू… वरना यही समझ लें कि हमें यह लड़ाई तुम्हारे बिना ही लड़नी है. किसी पर भरोसा करना और किसी के भरोसे रहना दो अलग-अलग बातें हैं…
bulkul sahi bataya hai apne bahi bilkul right hai