देश में पिछले पांच से कुछ अधिक सालों के समय में माओवादी लाल आतंक की कुल 5960 घटनाएं घटीं. इन घटनाओं में :
– कुल 1221 नागरिक मरे जिनमे अधिकतर आदिवासी रहे.
– कुल 455 सुरक्षाकर्मियों की जान गई, वे शहीद हुए.
– कुल 581 माओवादी आतंकवादी मारे गए.
गृहमंत्रालय के वामपंथी चरमपंथ प्रकोष्ठ से आरटीआई के तहत मिली सूचना के मुताबिक : साल 2012 से अक्टूबर 2017 तक लाल आतंकी घटनाओं में देश में कुल 91 टेलीफोन एक्सचेंज और टावरों को निशाना बनाया गया. इसी अवधि में कुल 23 स्कूलों को ध्वस्त किया इन लाल आतंकियों ने.
इसी सूचना का हिस्सा है : साल 2012 में कुल 1415 लाल आतंक की घटनाएं हुईं, जिनमे 301 नागरिक, 114 सुरक्षाकर्मी शहीद और 74 माओवादी आतंकी मारे गए.
इन आंकड़ों का मिलान देश में हो रही इस्लामिक आतंक की घटनाओं से करिये और मेरी लगातार कही गयी बात पर फिर ध्यान दीजिए :
वैश्विक इस्लामी आतंकवाद के मुकाबले वैश्विक वामपंथी लाल आतंकवाद ने ज्यादा हिंसक घटनाएं की हैं, और ज्यादा मानव हत्याएं की हैं.
आदमजात के सबसे बड़े और पहले दुश्मन हैं ये वामपंथ जनित लाल आतंकवादी. इनसे भी ज्यादा खतरनाक है अकादमियों, यूनिवर्सिटियों, हॉस्टलों, सेमिनारों और मीडिया आदि में बैठे वे बुद्धिखोर हैं जो इन आतंकवादियों और इनके आतंक की पैरवी, समर्थन करते हैं, इनके लिए खाद-पानी की व्यवस्था करते हैं.
देश और दुनिया पर असली और पहले खतरे को पहचानिए : निपटाने की प्राथमिकता तय करिये.