पिछले सोमवार AAP का एक कार्यकर्ता सम्मेलन अमृतसर में हुआ.
चुनाव में मिली करारी हार के बाद आम अमरूत पाल्टी के हौसले पंजाब में पस्त हैं.
अंदरूनी कलह , फूट और गुटबाजी सतह पे आ गयी है.
सोमवार को हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में स्थानीय leadership नदारद रही. दिल्ली से भी कोई ” भैया ” नही आया.
कायदान पंजाब से शराबी कॉमेडियन भगवंत मान को आना चाहिए था.
कामेडियन घुग्गी को आना था.
हरजोत सिंह बैंस को आना था. कोई नही आया.
अकेले भोलत्थ से AAP विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने सम्मेलन को संबोधित किया.
पार्टी में जो ” भैया हाई कमान ” है वो सुखपाल सिंह खैरा से ज़्यादा हरजोत सिंह बैंस को तवज्जो देती है. यूं कहा जाए कि ये हरजोत सिंह बैंस अरविंद केजरीवाल के चहेते Blue eyed boy हैं. उधर सुखपाल सिंह खैरा का इतिहास भूगोल नागरिक शास्त्र और समाज शास्त्र बड़ा मज़ेदार है.
खैरा साहब कांग्रेस में थे. जालंधर से सटी भोलत्थ सीट से आते हैं. वहीं से बीबी जागीर कौर थीं. अकाली नेत्री …….. अपनी सगी बेटी की हत्या के जुर्म में जेल में हैं.
वो निपट गयीं तो सुखपाल खैरा की चांदी हो गयी. पर जब कांग्रेस का पराभव शुरू हुआ और AAP की लोकप्रियता छप्पर फाड़ के बढ़ने लगी तो खैरा मौका ताड़ AAP में आ गए. चुनाव में खैरा खुद तो जीत गए पर उनकी आम अमरूत पाल्टी हार गई.
सिर्फ पंजाब नही हारी बल्कि गोवा में तो जमानत ही जप्त करा बैठी.
कोढ़ में खाज दिल्ली के राजोरी गार्डन में हो गयी जहां पार्टी तीसरे नंबर पे जा गिरी.
परसों पंजाब में बैसाखी पे AAP का जलसा हुआ. दिल्ली से कोई ” भैया ” नही आया. संदेश भिजवा दिया कि MCD में व्यस्त हैं.
पंजाब में AAP में अंदर खाते भयंकर अंतर्कलह मची है.
HS Foolkaa जिन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है , उनको बाहरी कह के reject कर दिया है ( फूलका दिल्ली से हैं ) और पंजाब में जो भी बाहरी है वो ” भैया ” है.
कमज़ोर शरीर मे infection जल्दी होता है.
राजौरी गार्डन की हार ने AAP को बेहद कमजोर और बीमार कर दिया है.
दिल्ली में पार्टी के हालात ठीक नही. ऊपर से पार्टी के NRI wings ने हाथ खींच लिया है. पार्टी में विद्रोह की स्थिति है. फिलहाल इसका नेतृत्व सुखपाल सिंह खैरा कर रहे हैं ……
MCD चुनाव के बाद AAP की शोकसभा में इनकी Obituary लिखने की तैयारी कीजिये.