जहाँ-जहाँ BJP की हार हुई है या होने जा रही है, वहाँ-वहाँ के अंडविरोधियों के जश्न और अति उत्साह को देखते हुए हमारे सम्पूर्ण साउथ एशिया के एकमात्र माननीय मुख्यमंत्री सीरी सीरी झोपड़ीवाल जी चूसे आम की भांति मुँह कर के कह रहे है कि –
“अबे सालों ज्यादा ग.. ग.. ग.. ग.. गाना-वाना मत गाओ.. ज्यादा जश्न न मनाओ.. सालों, कुछ दिन पहले ही अपनी चॉकलेटी टेप की DP चेंज करके ‘BAN EVM’ की DP लगाने वालों तुम्हारी बुद्धि क्या लालू जी के खटाल में चारा खाने चली गई है क्या?
जरा सा मौका नहीं मिला कि लगे जॉकी अंडरवियर का रबरबैंड दिखाते हुए कमरिया हिलाने… सालों, इन चड्डीधारियों को मूर्ख समझ के रखा हुआ है क्या!!… ये बहुत ही धूर्त और कमीने टाइप के लोग होते हैं…
उ पकल दढ़ियल टकलू शहवा को कम मत बूझो बे… उसका बॉडी जितना फूला-फूला सा है, दिमाग उतना ही हमारे ‘कमर बाइस’ के जैसा स्लिम-ट्रिम है… ई तो बस EVM से ध्यान भटकाने का चाल मात्र है बे… सब मिले हुए है जी…
बताइये भला… जहाँ-जहाँ BJP का तीव्र विरोध है वहीँ-वहीँ वह हारी है… बाकी जगह आसानी से जीत गई जी… कैसे जी और क्यों जी??
मेरे अपने गार्डन में तो हम जितने वोट अंतर से पिछला बार जीते थे उतना भी वोट तो ई बार नहीं मिला जी!!…
झारखण्ड में बीजेपी हार रही है… कर्नाटक में हार गई… बंगाल में हार गई… और ये वहीँ हारे जहाँ इन्हें तगड़ा विरोध झेलना पड़ रहा था…
मतलब कि साफ़ है कि ये चाल खेला गया है संतराभक्षी चड्डीधारियों द्वारा, ताकि ये संशय न रह सके कि EVM के साथ कोई छेड़खानी नहीं होती हैं…
यही तो स्कैम और षड्यंत्र है जी… और इसी के खिलाफ ही तो हम स्टील के गिलास से लगातार भूख हड़ताल करते आये है जी…
लेकिन सालों ये सब तुम्हें दिखाई देगा ही नहीं… जरा सी बीजेपी की हार नहीं देखी कि लगे झींगा-लाला और नागिन डांस करने….
ये सब देखने के लिए स्पेशल केटेगरी का आईज़ चाहिए बे जो केवल मैग्सेसे अवार्ड विनर ही देख सकता है…
तो सालों ज्यादा उछलो मत… ये कुछ सीटें जानबूझ कर चड्डीधारी हारे हैं ताकि EVM को हम भूल जाये… इतने बड़े धोखा-धड़ी को भूल जाए…
सालों ये जीत तुम्हारी हाथों में बाबा जी का ठुल्लु बना के पकड़ा दी गईं हैं… बस नाचो गाओ और सब भूल जाओ..
चड्डीधारियों संघियों की प्लानिंग तुम्हें दिखाई नहीं देगी बे… वो तो तुम्हें दू-चार गो ठुल्लु पकड़ा दिए हैं.. बस उसको पकड़े रहो और नाचते रहो…
नाचो सालों नाचो… अगर नचनिया कम पड़ रही है तो हमको बोलो हम हल्का लम्बा को भेज देते है और अगर दारु कम पड़ रही है तो भग-मत बेई’मान’ को भेज देते हैं…
लेकिन सालों खूब नाचो… कोई कोर-कसर न छोड़ो नाचने में… साले ग… ग… ग.… ग… गणमान्य लोग!!”