अहमदाबाद. एक विशेष अदालत ने वर्ष 2002 में हुए नरोदा पाटिया दंगा मामले में पूर्व भाजपा विधायक माया कोडनानी को अनुमति दे डी कि वे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को बतौर गवाह बुला सकती हैं.
कोर्ट ने कोदनानी की उस याचिका को बुधवार को यहां मंजूरी दे दी जिसमें उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और 13 अन्य को बचाव पक्ष के गवाहों के तौर पर बुलाने की अनुमति मांगी है ताकि यह साबित किया जा सके कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं थीं.
न्यायाधीश पी बी देसाई ने कहा कि इन गवाहों को “सुनवाई के उचित एवं प्रासंगिक चरणों” पर समन जारी किए जाने चाहिए.
न्यायाधीश ने यह भी कहा कि “यदि कुछ गवाहों की गवाही के दोहराए जाने की संभावना हो तो बाद के चरण में उन्हें नहीं बुलाने का भी विकल्प है लेकिन (अभियोजन पक्ष द्वारा) कोई आपत्ति नहीं जताए जाने पर और बचाव पक्ष के गवाहों से पूछताछ करने के आरोपी के अधिकार को पहचानते हुए, मेरा मानना है कि गवाहों की इस संख्या से पूछताछ किया जाना न तो अनुचित है और न ही असंगत.”
नरोदा पाटिया दंगा मामले में कोडनानी को 28 साल कारावास की सजा सुनाई गई है और वह अभी जमानत पर रिहा है. इससे पहले, मार्च माह के अंतिम दिन हुई सुनवाई में गोधरा दंगा मामले में अमित शाह समेत 14 लोगों से पूछताछ के लिए माया कोडनानी ने स्पेशल कोर्ट में गुहार लगाई थी.
गौरतलब है कि गुजरात में साल 2002 में हुए दंगों के दौरान अहमदाबाद में स्थित नरोदा पाटिया इलाके में 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी. 28 फरवरी 2002 को हुए दंगे में 33 लोग घायल भी हुए थे.
यह घटना 27 फरवरी, 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन जलाए जाने के एक दिन बाद हुई थी. विश्व हिन्दू परिषद ने 28 फरवरी, 2002 को बंद का आह्वान किया था. इसी दौरान नरोदा पटिया इलाके में उग्र भीड़ ने हमला कर दिया था.