दिल्ली के राजोरी गार्डन उपचुनाव में आम अमरूत पाल्टी की जमानत क्यों जप्त हुई, जानते हैं?
दो साल पहले जब दिल्ली में चुनाव हुआ था तो पंजाब से 50,000 लड़के-लड़कियाँ AAP का प्रचार करने दिल्ली आए थे.
कनाडा, इंग्लैण्ड, अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, न्यू ज़ीलैंड इत्यादि देशों के 10,000 NRIs ने अपने खर्चे पर पंजाब के अपने गांवों के अपने भाई-भतीजे, बेटे और उनके यार-दोस्तों को एक गाड़ी और दिल्ली में 4-5 दिन रुकने-ठहरने, खाने-पीने, दवा-दारू, Beer, मीट-मुर्गे तक का खर्च दे के भेजा था.
विदेशों में बैठे खालिस्तानी NRIs की सारी आशाएं AAP पे टिकी हुई थीं. उन्होंने दिल्ली में पूरा जोर लगाया था. विजय भी मिली.
यही हाल पंजाब में था. AAP का पूरा चुनाव विदेशों में बैठे NRIs ने लड़ा. वहां पे हज़ारों लड़के-लड़कियाँ दिन-रात लगे हुए थे. NRIs के पंजाब में बैठे परिवार रिश्तेदार दोस्त मित्रों को फोन किये जा रहे थे. पूरे call center चल रहे थे.
वहां से चार्टर फ्लाइट भर-भर के अमृतसर में लैंड कर रही थीं. बताया जाता है कि 50,000 से ज़्यादा NRI चुनाव अभियान में प्रचार करने आये थे.
उन दिनों पंजाब के टैक्सी स्टैंड खाली हो गए थे क्योंकि इन NRIs ने सारी टैक्सी बुक कर ली थीं.
पंजाब में जहां भी AAP का रोड शो या रैली होती, वो सब लोग वही गाड़ियां ले के पहुंच जाते. एक-एक रोड शो में इतनी भीड़ उमड़ती थी कि कांग्रेस और अकाली-भाजपा के छक्के छूट जाते.
इसी भीड़ से ही दिग्भ्रमित हो के अकाली-भाजपा, कांग्रेस के साथ रणनीतिक समझौते को मजबूर हुई.
बहरहाल, पंजाब की करारी हार ने AAP के NRI समर्थकों का दिल तोड़ दिया है. इसीलिए राजोरी गार्डन के उपचुनाव में पंजाब से कोई भी इनके समर्थन में नहीं आया.
ऊपर से भाजपा ने चुनाव से ऐन पहले राम जेठमलानी को 4 करोड़ का भुगतान और 16000 रूपए की थाली को मुद्दा बना के AAP को बुरी तरह बैकफुट पर ला दिया.
पंजाब, गोवा में बुरी तरह हार से टूटी हुई पार्टी के कार्यकर्ताओं का ध्वस्त मनोबल इस आरोप को झेल नही पाया.
अब राजोरी गार्डन की हार ने इनके MCD चुनाव अभियान को भी पंचर कर दिया है. यदि AAP MCD भी हार जाती है तो ये इनके ताबूत की आखिरी कील होगी.
MCD AAP का जनाजा है…. जरा धूम धाम से निकले….