ये 2400 करोड़ रूपये हमारे हैं, हमें हिसाब चाहिए

चार साल : 24 सौ करोड़ रूपये : 2012 से 2016 तक…. ये रूपये उत्तर प्रदेश की जनता के हैं : हमें इनका हिसाब चाहिए

18 तारीख दिन मंगलवार को : 11 बजे से 2 बजे दिन तक… उत्तर प्रदेश सूचना निदेशक महोदय, पार्करोड, लखनऊ से…

2012 में समाजवादी सरकार आने के महीनों भीतर…. 92 करोड़ रूपए के सालाना बजट को 600 करोड़ करके… अगले चार सालों में कुल 2400 करोड़ रूपए…

राजधानी और प्रदेश के अखबार मालिकानों, संपादकों, दलाल मानसिकता के पत्रकारों को बांट दिए जाने का हिसाब लेने का समय आ गया है.

लोकसंवाद का मंच सोशल मीडिया अपने इस नैतिक जिम्मे को निभाने के लिए संकल्पित है…. क्योंकि सवाल दो हैं.

– ये 2400 करोड़ रूपये हमारे हैं, इसलिए हमें हिसाब चाहिए.

– दलाली की मानसिकता और व्यवहार लिए घूमते इन अनैतिकों ने…. पेशे को बदनाम ही नहीं बल्कि कलम के ईमानदार मीडिया कर्मियों के मुंह पर कालिख भी पोती है.

लखनऊ के मित्र समय दें… सभी नैतिक मीडिया कर्मियों को न्योता है.

हम संयत जरूर हैं, लेकिन यूँ भी नहीं कि अपना हिसाब लेना भूल जाएं : आइये आपके साथ हम भी उठ खड़े होंगे.

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