उनके आगोश में नज़र आएगी दुनिया की सबसे सुरक्षित जगह

कभी सोचा है पुरुष इतने केयरिंग क्यों होते हैं? दुनिया में औरतों की ख़ूबसूरती, उनके मानवीय गुणों पर न जाने कितने किस्से गढ़ दिए गए.

न जाने कितनी कविताएं आंख, कान, नाक पर सदियों से बनती रही. पर पुरुषों की यदा-कदा ही बात हुई है.

मुझे याद है नोटबन्दी के दौरान दादा (भैया) ने सबसे पहले जो दो हज़ार निकाले वो मुझे दिए… ताकि मुझे काम -धाम, स्कूल छोड़कर लाइन में न लगना पड़े.

मैं जियो सिम यूज़ नहीं करती, मेरे मोबाइल में सारा रिचार्ज मेरा छोटा भाई कर देता है… ऐसा नही कि इंट्रोवर्ट हूँ मैं या फिर बहुत डेलिकेट स्वभाव है.

अपने अलावा घर का भी ज्यादातर काम दादा की तरफ से मुझे ही करने के लिए भेजा जाता है… लेकिन उनकी आदत है.

परवाह करना पुरुषों की आदत होती है. त्याग पुरुषों का चरित्र होता है. वे जिसे प्रेम करते हैं उसकी छोटी छोटी खुशियों पर खुद को न्योछावर करते रहते हैं.

पुरुष नदी के किनारों की तरह होते हैं. ये अपने वजूद को स्थिर और महत्वहीन हो जाने का गम नहीं करते बल्कि अपने दामन में फैले पानी को अठखेलियां करते हुए देखकर खुश होते हैं.

ऐसा लगता है जैसे औरतों की ममता को उच्चतर दर्जा इसलिए हासिल हुआ क्यों कि पुरुषों के त्याग की कुर्बानी दे दी गयी.

कभी कभी अपने पति, भाई, पिता आदि को बस बेवजह गले लगा लेना चाहिए. औरतें खूबसूरत होती है ये सच है.

पर कभी मुस्कुराते हुए अपने बिखरे बालों वाले भाई या पिता की आँखों को ध्यान से देखिये उनके आगोश में आप को दुनिया की सबसे सुरक्षित जगह नजर आएगी…. पति से भी ज्यादा.

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