सच में भारत के वीर हैं अक्षय कुमार

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अक्षय कुमार पर लिखे अपने पहले दो लेख में मैंने इस बात का ज़िक्र किया है कि काम चाहे आप व्यक्तिगत रूप से कुछ भी करते हों लेकिन जब उसकी नींव में राष्ट्र की चिंता उसकी उन्नति का विचार हो तो आपका काम व्यक्तिगत नहीं रह जाता आपका व्यक्तिगत काम राष्ट्र की उन्नति में रामसेतु के लिए गिलहरी सा ही सही लेकिन सहयोग अवश्य बनता है…

जैसे अक्षय कुमार इन दिनों जो काम चाहे अपनी आनेवाली फिल्म Toilet : Ek Prem Katha के प्रमोशन के लिए के प्रचार के लिए ही सही, लेकिन देश में लोगों को शौच और शौचालय के प्रति जागरूक होने के लिए कर रहे हैं, वो अप्रत्यक्ष रूप से मोदीजी के वृहद स्वच्छता अभियान में सहयोग ही है.

इसलिए जब अक्षय कुमार के पास गुलशन कुमार के जीवन पर बनने वाली फिल्म “मुग़ल” में काम करने का ऑफर आया, तो अक्षय कुमार के मन में यह विचार आया कि जिस शिव शक्ति से भयभीत हो विरोधियों ने गुलशन कुमार की हत्या तक कर डाली, उनके लिए सबसे अच्छी श्रद्धांजलि यही हो सकती है कि उस फिल्म के लिए पहला कदम किसी प्राचीन शिव मंदिर से शुरू किया जाए. और जो मंदिर उन्होंने चुना वो इंदौर के पास महेश्वर में शिव का 300 साल पुराना शिव मंदिर था.

गुलशन कुमार के जीवन पर बनने वाली फिल्म “मुग़ल” के लिए उनका शिव मंदिर आकर फिल्म के पेपर्स पर हस्ताक्षर करना हमारे आज के युवाओं के मन में इस बात की मुहर लगाना है कि हम चाहे कितने ही आधुनिक और वैज्ञानिक हो जाएं, अपने संस्कारों और परम्पराओं को लेकर ही आगे बढ़ना है.

यह इसलिए भी आवश्यक हो जाता है कि कम्युनिस्टों ने जिस तरह से हमारे राष्ट्र की नींव को खोखला करने के लिए फिल्म, संगीत, पुस्तक, लेखन और सभी तरह के रचनात्मक कार्यों का दुरूपयोग किया है. हमें उसी तरह छोटी सी छोटी बात में उनके लिखे को मिटाने के लिए अपनी रचनाधर्मिता को वहां तक ले जाना होगा.

ऐसे में अक्षय कुमार ने इन छोटे छोटे क़दमों के साथ एक बड़ी छलांग लगाकर यह साबित कर दिया कि वो सच में भारत के सच्चे वीर और आज की युवा पीढ़ी के लिए आदर्श हैं.

तो खबर यह है कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को ‘भारत के वीर’ वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप लॉन्च किया. कहा जा रहा है कि इसका आइडिया अक्षय ने ही दिया था. ताकि बॉर्डर या इंटरनल सिक्युरिटी में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए जवानों की फैमिली को खुलकर आर्थिक मदद दे सके.

– इस मौके पर होम मिनिस्टर ने कहा कि, ”कोई जवान, अफसर शहीद होता है. किसी भी सूरत में एक करोड़ की आर्थिक मदद उसके परिवार को मिलनी चाहिए.”

– छत्तीसगढ़ के बस्तर में हुए आईईडी ब्लास्ट में शहीद सीआरपीएफ के स्निफर डॉग (क्रैकर) को भी शौर्य दिवस में याद किया गया. क्रैकर की तस्वीर हॉल में लगाई गई.

ऐसा होगा पोर्टल और ऐप

– वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप पर शहीद जवानों की लिस्ट होगी. उनके फैमिली मेंबर्स की जानकारी भी दी जाएगी. किसी एक फैमिली मेंबर का बैंक अकाउंट नंबर भी शामिल रहेगा.शहीदों से जुड़े ऑपरेशन की भी जानकारी मिलेगी.

– अकाउंट में आर्थिक मदद जमा कराने की मैक्सिमम लिमिट 15 लाख रुपए तय की गई है. जैसे ही लिमिट पूरी होगी, उस शहीद के फैमिली मेंबर डिटेल साइट से ऑटोमैटिक हट जाएगी.

– एक अफसर ने बताया कि मिलिट्री ऑपरेशन में गंभीर रूप से जख्मी हुए जवानों की डिटेल भी पोर्टल पर मौजूद होगी. ताकि कोई उनके मुश्किल वक्त में मदद करना चाहे तो उसे आसानी हो.
अक्षय ने की थी शहीदों के परिजनों की मदद

– 11 मार्च को छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में शहीद हुए CRPF के 12 जवानों के फैमिली मेंबर्स को अक्षय कुमार ने नौ लाख रुपए की मदद दी थी.

– इसके बाद बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने भी जवानों के परिवार वालों को 50 हजार रुपए दिए थे.

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