80 साल के बड़े मियाँ, गुस्सैल, बददिमाग, बदतमीज़, और बत्तमीज़ दिल माने न माने…….
सो बुढऊ ने बददिमागी बदतमीज़ी में बड़ी बी को खींच के 3 तलाक़ दे मारा.
अब दे मारा तो दे मारा… सूबे कू जब नशा उतरा तो होश ठिकाने आये… इस बुढापे में कौन देगा पानी?
एक अदद बुढ़िया थी सो उसे गुस्से में तलाक दे दिया… अब साथ रह नहीं सकते, इस्लाम खतरे में जो पड़ जायेगा. अब इस उम्र में नई बुढ़िया कहाँ से लाएं?
मौलवी कहता है कि जिसे तलाक़ दे दिया उसके साथ तो रह नही सकते.
हुज़ूर उपाय क्या है ?
उपाय ये कि पहले तो इद्दत की मुद्दत पूरी हो. फिर बड़ी बी का किसी और से निकाह हो. फिर बड़ी बी का हलाला हो…
फिर वो मोहतरम बड़ी बी का हलाला करने के बाद उन्हें तलाक़ दें तो फिर एक और इद्दत के बाद बड़े मियाँ फिर से निकाह करें… तब जा के रोटी पानी मिले…
या अल्लाह! इस 80 बरस की उम्र में बड़ी बी की ये फजीहत?????
बड़ी बी को इस फजीहत से सिर्फ एक ही आदमी बचा सकता है…
मोदी या योगी…
योगी जी बचा लो…….. बड़ी बी खतरे में हैं.