श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने अलगाववादियों की भाषा बोलते हुए पत्थरबाजों का बचाव करते हुए उन्हें देश के लिए लड़ने वाला बताया.
श्रीनगर लोकसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में नेशनल कान्फ्रेंस और कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे अब्दुल्ला ने कहा कि ये नौजवान कश्मीर के लोगों की इच्छा के अनुरूप कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए लड़ रहे हैं.
अब्दुल्ला की टिप्पणी की राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगी दलों पीडीपी और भाजपा ने कड़ी निंदा की. पीडीपी ने टिप्पणी को ‘राजनीतिक अवसरवाद’ बताया जबकि भाजपा ने कहा कि यह ‘चिंताजनक’ है.
अब्दुल्ला ने कहा कि पथराव करने वाले युवा अपनी जान पर्यटन के लिए नहीं दे रहे हैं. उन्होंने यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही जो उन्होंने गत दो अप्रैल को चेनानी-नाशरी सुरंग के उद्घाटन के दौरान दिया था. मोदी ने तब कहा था कि कश्मीर के युवाओं को पर्यटन और आतंकवाद के बीच चयन करने की जरूरत है.
अब्दुल्ला ने एक चुनावी रैली में कहा, ‘यदि वह (पथराव करने वाला युवक) अपनी जान दे रहा है, वह पर्यटन के लिए नहीं कर रहा है. वह अपनी जान इसलिए दे रहा है ताकि इस देश के भाग्य का निर्णय हो सके जो इस स्थान के लोगों को स्वीकार्य हो. इसे समझने की जरूरत है.’
उन्होंने कहा, ‘हाल में सुरंग शुरू की गई. उन्होंने (प्रधानमंत्री) कहा कि यहां के युवाओं को सोचना होगा कि उन्हें पर्यटन चाहिए या आतंकवाद. मैं मोदी साहब से कहना चाहता हूं कि पर्यटन हमारी जीवन रेखा है, इसमें कोई संदेह नहीं है.’
अब्दुल्ला ने कहा, ‘यद्यपि वह एक पथराव करने वाला है. उसका पर्यटन से कोई लेना देना नहीं. वह भूखे मर जाएगा लेकिन वह अपने देश के लिए पथराव कर रहा है और इसे समझने की जरूरत है.’
अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि यदि भारत और पाकिस्तान अपने मुद्दे नहीं सुलझा सकते तो अमेरिका को आगे आना चाहिए और उनके द्विपक्षीय मुद्दों को सुलझाने में एक तीसरे पक्ष के तौर पर मदद करनी चाहिए.
केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता जितेंद्र सिंह ने नेशनल कान्फ्रेंस प्रमुख फारुक अब्दुल्ला द्वारा कश्मीर में पथराव करने वालों का बचाव करने को बुधवार को ‘चिंताजनक’ बताया और उन पर आरोप लगाया कि चुनावी लाभ के लिए उनका झुकाव ‘अलगाववादियों की भाषा’ बोलने की ओर हो रहा है.
सिंह ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि यह बहुत ही चिंताजनक है, अब्दुल्ला के कद का राजनीतिज्ञ भी आगामी चुनाव के दबाव में आ गया और इसलिए अलगाववादियों की भाषा बोलने की ओर झुकाव बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा, ‘ऐसा प्रतीत होता है कि एक विशेष मतदाता वर्ग को आकर्षित करने के वास्ते कुछ कश्मीर केंद्रित प्रचारकों का झुकाव अलगावादियों की भाषा इस्तेमाल की ओर हुआ है.’
पीडीपी के वरिष्ठ नेता एवं जम्मू कश्मीर के लोकनिर्माण मंत्री नईम अख्तर ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस राजनीतिक अवसरवाद में लिप्त हो रही है.