केस स्टडी की तरह पढ़ाया जाएगा जिओ का कैम्पेन

मॉल घूमने जाने वाले ज्यादातर लोगों को मार्केटिंग से कोई लेना देना नहीं होता. इसलिए उनका ध्यान इस बात पर कभी नहीं जाता कि स्टेशन, सरकारी दफ्तर से लेकर चर्च तक में समय बताने वाला घंटाघर होता है, लेकिन मॉल में घड़ी नहीं दिखेगी.

ऐसे ही कैसिनो, जुएखाने जिसने देखे हों, उन्हें पता होगा कि वहां भी घड़ी टंगी नहीं होती. इसके पीछे तर्क ये होता है कि अगर आपको पता ही ना चले कि अन्दर आपने कितना समय बिताया है, तो आप ज्यादा देर रुकेंगे. ज्यादा देर रुकने पर ज्यादा खरीदारी की संभावना होगी.

कभी कभी एक डीओड्रेन्ट के प्रचार में एक गिनती करने वाली मशीन शायद देखी होती. हर लड़की जो डीओ लगाने वाले पर ध्यान देती थी, उसके हिसाब से प्रचार का नायक गिनती बढ़ाता जाता था.

वैसी ही एक मशीन कभी कभी मॉल के सिक्यूरिटी गार्ड के पास भी कभी कभी दिखी होगी. मॉल में आने वाले लोगों को गिना जाता है. इस गिनती को फुटफॉल कहते हैं. जितने ज्यादा लोग मॉल में आयेंगे उतनी ज्यादा खरीदारी की संभावना होगी, इसलिए ज्यादा फुटफॉल वाले मॉल का किराया ज्यादा होगा.

अगर दिन भर का मॉल का फुटफॉल 1000 का है और दुसरे का 1200 का तो क्या लगता है किराये में कितना फर्क होगा? जीरो का फर्क होगा.

अब आप सोचेंगे अभी तो कह रहा था फुटफॉल से किराया बढ़ता है, अब कह रहा है नहीं बढ़ेगा! कैसी बेवकूफी है? राहुल गाँधी की तस्वीर लगा के जरूर दिमाग पर असर हो गया है.

तो जनाब ऐसा भी नहीं है. फुटफॉल गिनकर फिर उस से कन्वर्शन रेट निकाला जाता है. मार्केटिंग में आम तौर पर कन्वर्शन रेट 1% या उस से थोड़ा सा कम होता है.

सौ लोग अगर मॉल में आयेंगे तो उसमें से एक या दो खरीददार होंगे. मॉल में सौ दुकानें है, हर ग्राहक आपकी ही दुकान में नहीं आएगा, लेकिन फुटफॉल की गिनती में तो हरेक गिना गया है ना?

इन्शुरन्स जैसी चीज़ें बेचने वालों को या टेलीकालिंग करने वालों को पता होता है कि सौ फ़ोन में एक ग्राहक मिलता है. फेरी वालों को भी पता होता है.

ये जो एक परसेंट के कन्वर्शन रेट वाला होता है वो कम्पनी का सबसे अच्छा सेल्समैन होता है. करीब छह महीने में या उस से भी कम में उसकी तनख्वाह बढ़ाई जाती है.

अब सोचिये कि अम्बानी ने किया क्या है. 10 करोड़ को जिओ का सिम दे दी जिसमें से 2 करोड़ अब उसे पैसे देंगे. जो कन्वर्शन रेट एक से दो परसेंट नहीं होता उसे जिओ सिम वालों ने 20% कर डाला है.

इस घटना ने बाजार के सारे तौर तरीके बदल डाले हैं. AVP और उस से ऊँची रैंक के सभी मार्केटिंग-सेल्स वालों ने पहले ही इस पर नजर जमा रखी होगी. ये कैंपेन अब केस स्टडी की तरह पढ़ाया जाएगा.

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