बिहार में अवैध बूचड़खानों पर सरकार ने शुरू की कार्रवाई

पटना. उत्तर प्रदेश के बाद अब बिहार में भी अवैध बूचड़खानों पर सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है. प्रदेश में बिना लाइसेंस वालर बूचड़खाने बंद कराए जा रहे हैं.

बिहार में उत्तर प्रदेश में अवैध बूचड़खाने की बंदी और गुजरात में गौ हत्या पर उम्रकैद की सजा जैसे प्रावधानों का बिहार में भी असर देखने को मिल रहा है।

प्रतिबंधित है, लेकिन अवैध रूप से चल रहे बूचड़खानों पर सख्ती के पहले खास प्रयास नहीं हुए. उत्तर प्रदेश में अवैध बूचड़खाने की बंदी और गुजरात में गौ हत्या पर उम्रकैद की सजा जैसे प्रावधानों का अब बिहार में भी असर देखने को मिल रहा है.

पूरे देश में गौ हत्या का मामला गर्म होने पर राज्य में भी अवैध बूचड़खाने बंद किए जाने लगे हैं.

अवैध बूचड़खाने बंद करने की शुरुआत रोहतास जिले के बिक्रमगंज से हुई है. शनिवार को अनुमंडलाधिकारी राजेश कुमार और उप पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार सिंह ने करीब एक दर्जन स्लॉटर हाउस को हटा दिया और वहां पड़े जानवरों के अवशेष को 12 घंटे में हटाने का अल्टीमेटम दिया है.

प्रशासन को इस बात का अंदेशा था कि अवैध स्लॉटर हाउस पर कार्रवाई के समय उन्हें स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए 7 थानों से 100 से अधिक पुलिस के जवानों को बुलाया गया था.

इसके साथ ही महिला पुलिस और वज्र वाहन भी थे. स्लॉटर हाउस पर कार्रवाई के वक्त लोगों में गुस्सा तो दिखा, लेकिन वे शांत रहे.

गौरतलब है कि एक सप्ताह पहले बिहार सरकार में पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री अवधेश कुमार सिंह ने कहा था कि अवैध बूचड़खाने बंद होंगे. विभाग ने इसके लिए सभी जिलाधिकारी को सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था.

उन्होंने कहा बिहार में पशु क्रूरता से संबंधित कानून वर्ष 2012 से ही लागू है. सभी जिलों में भी डीएम की अध्यक्षता में पशु क्रूरता कमेटी गठित है. रोहतास की तर्ज पर ही अब सभी जिलों में अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई की जायेगी.

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