लोकसभा ने वस्तु और सेवाकर -जीएसटी से जुड़े चार विधेयकों को पारित कर दिया है. कल आठ घंटे तक चली बहस के बाद विपक्ष के संशोधनों को नामंजूर कर दिया गया. पारित किये गये विधेयक हैं – केन्द्रीय वस्तु और सेवाकर विधेयक, एकीकृत वस्तु सेवाकर विधेयक, केन्द्र शासित प्रदेश वस्तु और सेवाकर विधेयक तथा वस्तु और सेवाकर क्षतिपूर्ति विधेयक.
अब पहली जुलाई से देश के सबसे बड़े कर सुधार को लागू करने का सरकार का मार्ग प्रशस्त हो गया है. इन विधेयकों को अभी राज्य सभा में पेश किया जाना है. चूंकि इन चारों विधेयकों को धन विधेयकों के रूप में पेश किया गया था इसलिए राज्यसभा सिर्फ परिवर्तन का सुझाव ही दे सकती है. यह सुझाव लोकसभा स्वीकार या अस्वीकार कर सकती है.
संसद की मंजूरी मिलने के बाद राज्यों की विधानसभाओं में मंजूरी के लिए राज्य जीएसटी विधेयक पेश किये जाएंगे. जीएसटी में केन्द्र और राज्यों के सभी अप्रत्यक्ष करों को शामिल कर लिया जाएगा. इससे भारत एकल बाजार का रूप ले लेगा.
लोकसभा में बहस का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि जीएसटी से देशभर में वस्तु और सेवाओं का मुक्त प्रवाह सुनिश्चित होगा. उन्होंने कहा कि कई प्रकार के करों के हटने के बाद वस्तुओं की क़ीमतें थोड़ी कम होंगी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में जीएसटी विधेयक पारित होने पर देशवासियों को बधाई दी है. एक ट्वीट संदेश में श्री मोदी ने कहा है कि यह नया वर्ष है, नया विधेयक है और नया भारत है.
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) एक अप्रत्यक्ष कर यानी इंडायरेक्ट टैक्स है. जीएसटी के तहत वस्तुओं और सेवाओं पर एक समान टैक्स लगाया जाता है.जहां जीएसटी लागू नहीं है, वहां वस्तुओं और सेवाओं पर अलग-अलग टैक्स लगाए जाते हैं. इस बिल के लागू हो जाने से हर सामान और हर सेवा पर सिर्फ एक टैक्स लगेगा यानी वैट, एक्साइज और सर्विस टैक्स जैसे करों की जगह सिर्फ एक ही टैक्स लगेगा.
क्या होंगे जीएसटी के फायदे-
-संविधान के मुताबिक केंद्र और राज्य सरकारें अपने हिसाब से वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स लगा सकती हैं.
-अगर कोई कंपनी या कारखाना एक राज्य में अपने उत्पाद बनाकर दूसरे राज्य में बेचता है तो उसे कई तरह के टैक्स दोनों राज्यों को चुकाने होते हैं जिससे उत्पाद की कीमत बढ़ जाती है. जीएसटी लागू होने से उत्पादों की कीमत कम होगी.
-नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक जीएसटी लागू होने से देश की जीडीपी में एक से पौने दो फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है.
किन उत्पादों पर लागू होगा जीएसटी-
-2014 में पास संविधान के 122वें संशोधन के मुताबिक जीएसटी सभी तरह की सेवाओं और वस्तुओं/उत्पादों पर लागू होगा. सिर्फ अल्कोहल यानी शराब इस टैक्स से बाहर होगी.
कैसे काम करेगा जीएसटी-
-जीएसटी में तीन अंग होंगे – केंद्रीय जीएसटी, राज्य जीएसटी और इंटीग्रेटेड जीएसटी.
-केंद्रीय और इंटीग्रेटेड जीएसटी केंद्र लागू करेगा जबकि राज्य जीएसटी राज्य सरकारें लागू करेंगी.
अगर जीएसटी भी वैट की तरह है तो फिर इसकी जरूरत क्यों-
-हालांकि जीएसटी भी वैट जैसा ही टैक्स है, लेकिन इसके लागू होने से कई और तरह के टैक्स नहीं लगेंगे.
-इतना ही नहीं जीएसटी लागू होने से अभी लगने वाले वैट और सेनवेट दोनों खत्म हो जाएंगे.
– जीएसटी के लागू होते ही केंद्र को मिलने वाली एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स सब खत्म हो जाएंगे. राज्यों को मिलने वाला वैट, मनोरंजन कर, लक्जरी टैक्स, लॉटरी टैक्स, एंट्री टैक्स, चुंगी वगैरह भी खत्म हो जाएगी. हालांकि पेट्रोल, डीजल, केरोसीन, रसोई गैस पर अलग-अलग राज्य में जो टैक्स लगते हैं, वो अभी कुछ साल तक जारी रहेंगे.
आम आदमी को जीएसटी से होने वाले फायदे
– जीएसटी लागू होने पर सबसे ज्यादा फायदा आम आदमी को है. क्योंकि तब चीजें पूरे देश में एक ही रेट पर मिलेंगी, चाहे किसी भी राज्य से खरीदें. रोज़मर्रा के जीवन में इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुएं जैसे कि मोबाइल हैंडसेट, कार, सिगरेट, शराब, आदि गुड्स में शामिल हैं तो गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स लागू होने के बाद इनके दामों में बड़ा बदलाव हो सकता है और पूरे देश में एक समान दरें लागू होंगी.
– जीएसटी के लागू होने के बाद टैक्स चोरी रुक जायेगी. इसका सीधा असर देश की जीडीपी पर पड़ेगा. फिलहाल भारत देश में 20 तरह के टैक्स लगते हैं और जीएसटी आने के बाद सब टैक्स हटकर एक टैक्स लागू होगा, वो है जीएसटी.
– आम जनता जो अभी सामान खरीदते वक्त उस पर 30-35% टैक्स के रूप में चुकाते हैं. जीएसटी लागू होने के बाद ये टैक्स घटकर 20-25% रहने की उम्मीद है तो इसका सबसे बड़ा फायदा आम जनता को ही मिलेगा.
– जीएसटी लागू होने पर कंपनियों का झंझट और खर्च भी कम होगा. व्यापारियों को सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी. अलग-अलग टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा तो सामान बनाने की लागत घटेगी, इससे सामान सस्ता होने की उम्मीद भी है.
– राज्यों को डर ये था कि उनकी कमाई कम हो जाएगी. खासकर पेट्रोल डीजल से तो कई राज्यों का आधा बजट चलता है. तो वो राहत केंद्र ने राज्यों को दे दी उनपर अभी जो टैक्स राज्य ले रहे हैं, वो शुरुआती बरसों में लेते रहें. और राज्यों का जो नुकसान होगा उसकी भरपाई पांच साल तक केंद्र सरकार करेगी. इसके अलावा जीएसटी से जो टैक्स मिलेगा, वो केंद्र और राज्य में एक तय हिसाब से बंटेगा.
– फिलहाल देश में गुड्स और सर्विसेज टैक्स की दरें अलग-अलग हैं जैसे सर्विस टैक्स 15 फीसदी है और गुड्स यानी वस्तुओं के लिए अलग-अलग राज्य में अलग दरें लागू होती हैं जो जीएसटी आने के बाद एक जैसी हो जाएगी.
– जीएसटी लागू होने के बाद कंपनियों का खर्चा और लागत कम होंगे क्योंकि सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी. कंपनियों को अलग-अलग टैक्स ना चुकाने की वजह से उनकी लागत कम होगी लिहाजा सामान सस्ते होंगे.
– जीएसटी आने के बाद टैक्स ढांचा एकदम समान होगा और पूरी तरह पारदर्शी होगा जिससे टैक्स विवाद नहीं होंगे और ढेरों टैक्स कानून और टैक्स नियामकों (रेगुलेटरों) का झंझट नहीं रहेगा. इससे एक ही संस्था, कंपनी, व्यक्ति पर कई बार टैक्स लगाने की दिक्कत खत्म हो जाएगी. कुल मिलाकर आम आदमी, कारोबारियों और सरकारों की जिंदगी बेहद आसान हो जाएगी.
– साल 2014 में पास संविधान के 122वें संशोधन के मुताबिक जीएसटी सभी तरह की सेवाओं और वस्तुओं/उत्पादों पर लागू होगा. सिर्फ अल्कोहल यानी शराब इस टैक्स से बाहर होगी.
जीएसटी का इतिहास
जीएसटी विधेयक को 2011 में लोकसभा में पेश किया गया था लेकिन लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होने के साथ ही विधेयक निरस्त हो गया. इससे नई सरकार को नया विधेयक लाना पड़ा है. सर्वप्रथम 2006-07 के बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने जीएसटी का विचार आगे बढ़ाया था. शुरू में इसे एक अप्रैल 2010 को लागू किया जाने का प्रस्ताव था. अब लोकसभा से पारित हो जाने के बाद इस विधेयक का राज्य सभा से पास होना एक औपचारिकता है. उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष जुलाई महीने से जीएसटी पूरे देश में लागू हो जायेगा. तो तैयार हो जाइये आर्थिक मोर्चे पर होने वाले सबसे क्रान्तिकारी बदलाव के लिए.. जो अंततः देश के टैक्स ढांचे में आमूलचूल बदलाव लाएगा और अर्थव्यवस्था के लिए आखिरकार फायदेमंद साबित होगा.