1991 में कल्याण सिंह की सरकार में नक़ल को संज्ञेय अपराध बना दिया गया था. जो छात्र नक़ल मारता पकड़ा जाता उसे बाकायदा जेल जाना पड़ता.
लड़कियों तक को जेल भेजा गया. सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना हुई. ये सरकार का एक अलोकप्रिय कदम था.
मुलायम सिंह ने इसे भुनाया और अगले चुनाव में भाजपा को पटखनी दे दी.
कल योगी जी ने एक घोषणा की है कि 15 जून तक प्रदेश की सभी सड़कें गड्ढा मुक्त की जाएँ. साथ ही ये भी कहा कि जिस सड़क की गुणवत्ता में कमी पायी गयी वो ठेकेदार और इंजिनियर जेल जाएगा.
ये एकदम सही कदम है.
सड़क निर्माण में हमने NDA नीत नितीश सरकार को क्रांतिकारी काम करते देखा है. उन्होंने सिर्फ दो-तीन सालों में पूरे बिहार की काया पलट दी थी.
वो बिहार जो अपनी सड़कों के लिए कुख्यात था, वहाँ दूर-दराज के अंदरूनी गाँवों की सड़कें देख हमने दांतों तले उंगली दबा ली थी.
वहाँ मैंने देखा कि राज्य सरकार द्वारा तहसील स्तर पर सड़क निर्माण की गुणवत्ता नापने के लिए टेस्टिंग लैब बनाई गयी थी और ज़िम्मेदारी तय करने की पूरी श्रृंखला बनायी गयी थी.
अगर अगले 10 साल में सड़क टूटी तो इस वरीयता क्रम के अनुसार लोग जिम्मेवार होंगे. उसमे जिले के DM से ले के PWD के चीफ इंजीनियर से लगायित JE और ठेकेदार तक सब accountable थे.
हमने ये भी देखा है कि एक सड़क अगर पूरी गुणवत्ता से बना दी जाए तो 10 साल नहीं टूटती.
आज UP की सड़कों की जो दशा है उसमे 3 महीने में तो सिर्फ पैच वर्क ही हो सकता है. जिस सड़क में गड्ढा हो उसे तो भर लोगे. पर जहां गड्ढे में सड़क है उसका क्या करोगे?
दुर्भाग्य से यूपी ही गड्ढे में है. फिर भी शुरुआत बहुत अच्छी है.
योगी सरकार के साथ सबसे अच्छी बात ये है कि इस सरकार ने आते ही अपना इक़बाल कायम किया है.
No Nonsense… हरामखोरी, चोरी चकारी नहीं चलेगी.
मुझे पूरा भरोसा है कि 2019 में जब मोदी जी लोकसभा चुनाव में जाएंगे तो यूपी से बाहर के लोग यहाँ की सड़कों की मिसालें देंगे. आज जैसे हम बिहार और मध्यप्रदेश की सड़कों की मिसालें दे रहे हैं.
योगी जी… कुछ लोगों को तो जेल जाना ही पड़ेगा.