जमशेदपुर. भाजपा सांसद व राम मंदिर के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि वहां राम मंदिर ही बनेगा, जहां उनका जन्म हुआ है.
उन्होंने कहा कि देश में 40 हजार मंदिरों को तोड़ दिया गया था, उसमें से हम लोग तीन ही को तो मुक्त करने की मांग कर रहे हैं. पहला अयोध्या का राम मंदिर, जो 2018 में मुक्त हो जायेगा और फिर मथुरा की कृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराना है और उसके बाद काशी विश्वनाथ को भी 2024 तक हर हाल में मुक्त कराना है.
स्वामी ने कहा, अयोध्या में ही मंदिर को हर हाल में बनना है. अगर बातचीत से हल नहीं निकला तो सरकार कानून बनायेगी. सरयू नदी के पार काफी जमीन है, अगर मुसलिम समुदाय के लोग चाहते हैं, तो वहां मसजिद बना सकते हैं.
डॉ सुब्रह्मण्यम स्वामी सोनारी एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आपसी सहमति से मंदिर मुद्दे के विवाद का समाधान निकालने की बात कही है.
उन्होंने कहा, मुसलिम समुदाय अगर चाहे, तो मंदिर बनवाया जा सकता है, क्योंकि मसजिद के लिए किसी एक स्थान की जरूरत है. वहीं हमारी आस्था के मुताबिक भगवान राम का जन्म अयोध्या में ही हुआ था.
डॉ सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि यह मामला कोर्ट में है, जिसको लेकर सरकार ज्यादा कुछ नहीं कर सकती है.
डॉ स्वामी ने कहा कि रामलला के जन्मभूमि का मामला देश के हितों की लड़ाई है. सुप्रीम कोर्ट में इस कारण से हमने अलग से पीटिशन दायर की, क्योंकि खुद कोर्ट मानता है कि हम इस मामले में हस्तक्षेप कर रास्ता निकालें.
डॉ सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि अप्रैल 2018 के चुनाव तक भाजपा राज्यसभा में भी मजबूत हो जायेगी. जिस तरह राजीव गांधी शाह बानो के मामले में विधेयक लेकर आये थे, उसी तरह नरेंद्र मोदी की सरकार 2018 के अप्रैल के बाद कभी भी राम मंदिर के निर्माण को लेकर विधेयक ला सकती है, ताकि राम मंदिर को बनाया जा सके.