जिन्होंने साधु संतों का साथ ना किया हो उन्हें ही योगी पर संदेह होगा, मुझे रत्ती भर भी संदेह नहीं.
शपथ लिए आज चौथा ही दिन है, 50 से ज़्यादा अवैध कत्लखाने बंद हो गए हैं, कई लोगों द्वारा अवैध कब्ज़े स्वतः छोड़ दिए गए जो बीसों साल से किये बैठे थे, सड़क छाप मजनुओं की सेवा के लिए हर शहर में एंटी रोमियो दल बना दिया गया है.
पूरे राज्य भर में आज से स्वच्छता अभियान छेड़ दिया जिसकी शुरुवात पुलिस थानों से हो रही है. भ्रष्टाचार रोकने के लिए हर ज़िले के DM के वाट्सएप्प नंबर सार्वजनिक कर दिए गए हैं ताकि हर आम आदमी सीधे शिकायत कर सके.
बाकी CM हाउस के शुद्धिकरण और गौशाला निर्माण पर वामियों के हल्ला मचाने और इसे जातिवाद से जोड़ कर देखने का जहाँ तक सवाल है तो वे मूर्ख, या तो सनातन और सन्यासियों को जानते नहीं, या केवल ज़हर ही उगलना उनका धंधा बन गया है.
योगी जी एक सन्यासी हैं, ब्रह्मचारी हैं, जहाँ भोगी रह कर गया हो, जिस घर में मांस मदिरा का सेवन होता रहा हो, पति-पत्नि साहचर्य करते रहे हों, वहाँ एक सन्यासी बिना शुद्धि करण किये रह ही नहीं सकता.
ऐसा करना उसके व्रत के विरुद्ध होगा क्योंकि संन्यास लेते समय गुरु के बताए मार्ग पर ही चलना होता है. अब जो इसे अखिलेश की यादव जाति से जोड़ रहे हैं उन्हें बता दें कि हम तो ब्राह्मण हैं हमारे भी गुरु एक सन्यासी ही हैं. जब भी हम आश्रम जाते हैं तो पूरा व्रत करना पड़ता हैं.
वहाँ के नियम ही मानने पड़ते हैं, कहीं भी बिना स्नान ध्यान और पवित्रता के प्रवेश वर्जित होता है, उनके ध्यान कक्ष में तो प्रवेश वर्जित ही है. हम अपने घर पर भले 8 बजे सोकर उठते हों पर आश्रम में सुबह 5 के बाद बिस्तर पर दिखना नहीं चाहिए.
ये तमाम बातें हैं जिनका एक सन्यासी की संगत में ध्यान रखना होता है, गृहस्थ और सन्यासी के जीवन में ज़मीन आसमान का अंतर होता है, पर ये सेकुलर जिन्होंने हमेशा बिरयानी ही छानी, वो क्या जाने सनातन और उसकी परम्पराओं को….
सत्ता पर अब धर्माधिकारी बैठ रहे हैं, जो केवल सड़क, बिजली, पानी और बुनियादी सुविधाओं तक ही सीमित नहीं रहेंगे बल्कि लोगों को धर्म के मार्ग पर चलना भी सिखाएंगे. जो अब तक नहीं हुआ वो अब होगा… क्योंकि एक सच्चा सन्यासी एक पल भी चैन से नहीं बैठता, सनद रहे.