नए उभरते युवा नायकों ने हिलाया खान तिकड़ी का सिंहासन

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इस आलेख की प्रेरणा दो घटनाओं से मिली है. एक जब मैंने कमांडो-2 देखी तो ये महसूस किया कि विद्युत जामवाल जब परदे पर आते हैं तो उनका स्वागत सीटियों और तालियों से होता है. भारतीय सिनेमा में जब ये होता है तो मान लिया जाता है कि नया सितारा उदित हुआ है.

दूसरी घटना विज्ञापन की दुनिया में हुई है. सब जानते हैं कि थम्सअप अपने ब्रांड एम्बेसेडर उनकी मार्किट वेल्यू के हिसाब से बदलता रहता है.

हाल ही में कंपनी ने सलमान खान को कैम्पेन से बाहर कर रणवीर सिंह को ले लिया. इसका कारण सलमान की मार्केट वेल्यू नहीं बल्कि उनकी बढ़ती उम्र है.

थम्सअप अपने उत्पाद को युवाओं के जोश और जूनून से जोड़ता है इसलिए वह 52 साल के सितारे को अपने कैम्पेन में बनाए नहीं रख सकता.

ये दो घटनाएं भविष्य में बड़े फेरबदल की ओर इशारा कर रही हैं. सलमान, आमिर और शाहरुख़ का स्टारडम अब अंतिम दौर में हैं.

एक नया प्रशंसक वर्ग तैयार हुआ है, जिसकी खबर शायद आपको भी न हो. 12 से 20 साल का युवा नए सितारों को पसंद कर रहा है. उसे टाइगर श्रॉफ और विद्युत सलमान से ज्यादा अच्छे लगते हैं.

हाल ही में प्रदर्शित हुई ‘बद्रीनाथ की दुल्हनियां’ बॉक्स ऑफिस पर बेहतर कर रही है. आज से चार साल पहले कौन जानता था कि इस ‘खान वर्ल्ड’ में रणवीर सिंह, विद्युत और वरुण धवन कभी अपने दम पर फ़िल्म चला ले जाएंगे.

मुझे शिकायत है कि खान स्तुति में बौराया हुआ मीडिया इन युवाओं पर ध्यान नही दे रहा है. फ़िल्म के ‘पैकेज प्रमोशन’ में तो इन्हें जगह मिल जाती है लेकिन मीडिया अलग से इनके लिए संज्ञान नहीं लेता. ज्यादा से ज्यादा पांच साल में खान बंधुओं की कुर्सी रणवीर और टाइगर जैसे युवा हिलाकर रख देने वाले हैं.

एक वक्त था जब अमिताभ बच्चन को अनिल कपूर से असुरक्षा महसूस होने लगी थी, आज वह असुरक्षा सलमान में देखी जा सकती है. सलमान के बारे में खबर आई थी कि वो बाहुबली-2 के प्रमोशन से चिंतित है.

अब कायदे से आप तीनो को अंकल और बड़े भाई की भूमिकाएं करना शुरू कर देनी चाहिए क्योकि आज नहीं तो कल ये वक्त आने ही वाला है.

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