कहाँ गये वह नेता गण जो नोटबन्दी के विरोध कोलकाता, दिल्ली, लखनऊ, पटना, घूमकर भारतियों का हिमायती और लोकप्रिय बनने की महत्वाकांक्षा लिए, केजरीवाल, अखिलेश और नितीश जी को अपने साथ होने को कहते कहते नितीश जी को गद्दार तक कह दिया था.
आज कहाँ मुँह छुपाये बैठ गये, कम से कम अखिलेश का हाल चाल पूछ लिया होता, अखिलेश बाबू क्या मिजाज़ है आप का इतना तो पूछने का अधिकार बनता ही था. नोट बंदी में प्रधान मंत्री जी के खिलाफ यही तो और नेताओं को गोलबन्द के लिए अपना राज्य छोड़ अन्य राज्यों में उधम मचा रहे थे, लग रहा था सम्पूर्ण भारत वासी इनके साथ हो जायेंगे.
अपने राज्यों में मोदी हटाओ भारत बचाओ के बड़े बड़े होर्डिंग्स लगाकर प्रचार कर रहे थे, और अपने चमचों से दूरदर्शन में प्रधान मंत्री जी को गाली सुनवा रहे थे. कहाँ गये वह नेतागण ना दिखाई दे रहे और ना उनकी कोई आवाज सुनाई दे रही है?
यूपी के मुख्यमंत्री को मैंने पहले ही अकललेस उपाधि दी थी, उस बेचारे के पास दिमाग नहीं है वरना कांग्रेस का साथ नहीं करता. कारण कांग्रेस यूपी हो न हो अन्य प्रान्तों में उसकी अपनी जगह है. जैसा पंजाब, मणिपुर अथवा अन्य प्रान्तों में कमोबेश हर प्रान्तों में राहुल किसी ना किसी बहाने से वह आएगा. किन्तु बेचारे अखिलेश कहीं का भी नहीं रहा, उसे राहुल ने पंगु बनाकर छोड़ा है, यूपी से बहार अखिलेश जायगा कहाँ, कहाँ है उसकी पार्टी? कांग्रेस तो भारत भर में है देश की सबसे पुरानी राजनितिक पार्टी है. उसे तो कहीं न कहीं एक भी वोट से आना है, भले ही यूपी से कांग्रेस गई पर पंजाब में तो है? पर अखिलेश बाबू आप कहाँ है और किस प्रान्त में है कहाँ खोजने के लिए निकलें लोग आपको?
आज अकेले अपने बल बूते पे लड़ते, तो शायद इतनी दुर्गति आपकी ना हुई होते, भले ही आप हार जाते किन्तु उलाहना देने वाला आपको कोई नहीं होता. किन्तु आज आप के ही पिताजी, चाचाजी से लेकर आप के ही पार्टी के लोग आप को उलहना दे रहे हैं, शायद आपने सोचा भी नही होगा?
यह दशा आपकी हुई है सिर्फ कांग्रेस को साथ लेने से, और जिस घमण्ड को आप पाले थे उसी घमंड ने ही आप को डुबोया, आप ने प्रधानमंत्री जी को बहुत ही बुरा भला कहा है. राहुल ने प्रधानमंत्री जी को बुरा भला कहा है वह नहीं जानता भारतीय संस्कृति को.
जिस कोख में पले उन्हें भी नहीं पता भारतीय संस्कृति के बारे में, बचपन से उसे यह संस्कार नही मिला है. पर आप को घर से ही संस्कार मिला था आप ने सारा गंवाया राहुल के चक्कर में जो आप ने बिलकुल गलत किया. भारत की जनता भी आप को माफ़ नही करेंगी और ना आप के घरवाले.
आप को यह खामियाजा ना मालूम कितने दिन भोगना पड़े यह बताना भी मुश्किल है, माननीय प्रधानमंत्री जी से एक बार क्षमा याचना कर लें वह बड़े ही दयालु और उदारवादी हैं जरुर आप को माफ़ कर देंगे मुझे ऐसी ही आशा है आपसे.
धन्यवाद के साथ
पंडित महेन्द्रपाल आर्य
वैदिक प्रवक्ता
दिल्ली