मेरा व्यक्तिगत आंकलन है कि ये सरकार सर्वथा अलग साबित होने जा रही है…
असली हिन्दुत्व जिसमें सिर्फ सहिष्णुता, सहअस्तित्व,और वसुधैव कुटुम्बकम का ही स्थान है…. न्याय सभी को पर तुष्टिकरण किसी का नहीं… समान अवसर सभी के लिए…. बिना किसी भेदभाव के….
अब बात जरूर सामने आती है कि फिर खांटी हिंदुत्व का क्या होगा?
बिलकुल सही प्रश्न है…. पर इसके जवाब के पहले जरा समझते हैं कि हिंदुत्व या सनातन ने क्या कभी भी अपने लिए अलग से कुछ चाहा? कभी कुछ माँगा? सनातन ने तो हजार सालों से तमाम कष्ट सहे, तमाम जजियाकरों को भी झेला, गर्दने कटवाई पर फिर भी कभी भी सदैव बहुसंख्यक होने के बाद भी अपने लिए अलग से कुछ नहीं माँगा…
पर इसके साथ साथ जब हमारे मूलभूत सिद्धांतों पर भी हमले शुरू हुए, हमारी परम्पराओं और संस्कृति को ही नकारने और भुला देने के कुचक्र आरंभ हुए तब हमने अपनी इन्हीं विरासतों के संरक्षण के लिए आवाज उठायी..
हमने अन्य मतावलंबियों को विशेषाधिकार का विरोध किया, संविधान में वर्णित मूल सिद्धांतों की याद दिलाई…. विभाजन द्विराष्ट्र के सिद्धांत पर ही हुआ था यह एक ऐतहासिक तथ्य है पर सहिष्णु हिन्दू समाज ने भारत को पंथ निरपेक्ष स्वरुप दिया. सबने स्वीकार भी किया पर जब हिन्दू समाज को अपनी ही पावन भूमि में तिरस्कृत करने का कुचक्र तेज हुआ तो हिन्दू समाज ने भी संगठित होना शुरू किया….
अब आते हैं हिंदुत्व की आशाओं और आकांक्षाओं पर…. हिन्दू कभी कैराना नहीं करेगा, कश्मीरी पंडितो के जैसे धर्म देख कर किसी को भी अपना घर बार कारोबार छोड़ने को मजबूर नहीं करेगा पर हाँ अब सहेगा भी नहीं, अब किसी कैराना की कोई संभावना नहीं, देश के सभी नागरिक अपनी अपनी आस्थाओं के साथ रहे संविधान के आलोक में रहे….
सबको जो भी मिले वो भारत के नागरिक के रूप में मिले न कि धार्मिक पहचान के रूप में…. अगर मस्जिदों से अजानों के लाउड स्पीकर बजे तो मंदिरों से घंटियों की आवाज भी निर्बाध रूप से निकले…. या फिर कहीं से कोई आवाज न निकले…
नागरिक अधिकार धर्म से परे हैं वो आज के इंसान को सामने रख कर बनाए गए हैं उन्हें धर्म के पुरातन नियमों से बाँध कर नहीं ढोया जा सकता…. हाँ अगर आप संतुष्ट हैं तो प्रसन्न रहिये पर अगर कोई भी नागरिक संवेधानिक अधिकारों के संरक्षण के लिए संविधानिक समाधान चाहता है तो फिर कोई भी धार्मिक बंदिशे लागू नहीं होना चाहिए….
देश के सभी नागरिक भयमुक्त जीवन का आनंद ले…. साथ में ध्यान रखे कि बहुसंख्य हिन्दू भी अपने अतीत, वर्तमान और भविष्य के प्रति अब सचेत है, उनकी खुशियों की कीमत पर शान्ति संभव नहीं….. सब एक दूसरे का सम्मान करे….
अयोध्या में सर्वसहमति से भगवान् श्री राम का भव्य मंदिर बने और इसके बाद सभी विवादित मुद्दों का अंत हो सके….
हाँ उत्तर प्रदेश हिंदुत्व की नयी प्रयोगशाला बनेगी पर वैसी नहीं जैसी हिंदुत्व विरोधी ताकते बता रही है… बल्कि वो प्रयोगशाला जिसके बाद सारा विश्व सनातन के असली स्वरुप को देखेगा, महसूस करेगा और जानेगा कि क्यों ये सनातन है… क्यों ये आज भी उतना ही प्रसांगिक है और क्यों विश्व को सबसे अधिक देने वाली संस्कृति है ये….
वन्दे मातरम्….