आखिरकार मोदी जी और अमित शाह ने 2019 के लिए अपने पत्ते खोल ही दिए.
मैं अब तक यही मानता था कि मोदी जी 2019 के चुनाव में पिछले 5 साल में अपनी उपलब्धियों और किये गए विकास कार्यों को ले के जाएंगे.
पर योगी जी को UP का CM बना के उन्होंने अपने पत्ते खोल दिए हैं.
UP के चुनाव नतीजों ने 2019 के लिए बड़ी प्रबल संभावना बना दी है कि सम्पूर्ण विपक्ष मोदी को रोकने के लिए एक महागठबंधन बना के उतरेंगे. महागठबंधन का result हम बिहार में देख चुके हैं.
UP के नतीजों का विश्लेषण भी इसी बात की ओर इशारा करता है कि यदि सपा, बसपा और कांग्रेस, तीनों एक साथ महागठबंधन बना के लड़ते तो नतीजे कुछ और ही होते.
ये महागठबंधन भाजपा को 100 से 125 सीट पे रोक सकता है. जो महागठबंधन 2017 में नहीं बना वो 2019 में बन सकता है.
हम ये मान के चलते थे कि 2019 की वैतरणी विकास के एजेंडे पे पार जो जायेगी पर योगी जी के चुनाव ने ये स्पष्ट कर दिया है कि मोदी UP में सिर्फ विकास के भरोसे नहीं बैठने वाले.
मोदी जी ने योगी जी को CM बना के हिंदुत्व का अपना एजेंडा स्पष्ट कर दिया है. केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी CM बना के NY OBC को साधने की कोशिश की है.
अगले दो साल मोदी अपने विकास के एजेंडे पे देश में काम करते रहेंगे. योगी की आड़ में हिंदुत्व का एजेंडा चलता रहेगा. न सिर्फ चलता रहेगा बल्कि खुल के सामने आ जाएगा.
मौर्य जी OBC वोटर को जोड़े रहेंगे. Law n Order योगी जी के लिए चुटकियों का काम है. विकास का एजेंडा नितिन गडकरी, पियूष गोयल जैसे केंद्र में बैठे नेता पूरा करेंगे.
2019 में जब हम चुनाव में जाएंगे तब तक UP में बिजली और सड़कों की दशा सुधर चुकी होगी ऐसा हमें विश्वास है. बाकी हिन्दू polarization का अधूरा छूटा हुआ काम योगी जी पूरा करेंगे.
कुल मिला के भाजपा हाईकमान को ये समझ आ गया है कि 2019 में यूपी-बिहार की 120 सीटें सिर्फ विकास के एजेंडे और social engineering से नहीं जीती जाएंगी. हिंदुत्व से ही ये वैतरणी पार होगी.