उत्तर प्रदेश में नई सरकार अभी आने को है, इस बीच बदले निज़ाम की महक के बीच काम की दो रफ्तार नापिये : मुख्यमंत्री कौन? मंत्री कौन! के सवालों पर नेताओं को काम करने दें… लोकतंत्र के मालिक की हैसियत से आइये हम मतदाता पहले दिन से काम का हिसाब लें.
इस बार गर्मी में यूपी में अंधेरा नहीं रहेगा. केंद्र सरकार ने यूपी के सभी गांव-मजरों और शहरों में 24 घंटे बिजली मुहैया कराने का मन बनाया है.
योजना को परवान चढ़ाने के लिए शक्तिभवन में बीती 15 तारीख को केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अफसरों की यूपी के पॉवर कार्पोरेशन अफसरों के साथ बातचीत हुई. केंद्रीय अधिकारियों के दौरे के बीच ही बिजली उत्पादन और मांग का ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया गया है.
बैठक में फैसला किया गया है कि प्रदेश में बिजली उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में काम किया जाएगा, लेकिन अभी फिलहाल मध्यप्रदेश और हिमाचल प्रदेश से अतिरिक्त बिजली खरीदी जाएगी.
आइये देखते हैं अभी क्या हाल है यूपी में बिजली का :
कुल सत्तानवे हजार सात सौ (97700 ) गांवों में से दस हजार छह सौ चौदह (10614) गांव में बिजली लाइन भी नहीं पहुंची है. “पॉवर फॉर ऑल योजना” के जरिए केंद्र सरकार ने देश के सभी राज्यों में वर्ष 2019 तक 24 घंटे बिजली मुहैया कराने का लक्ष्य तय किया है.
इस योजना में देश के 28 राज्य तो शामिल हो गए, लेकिन यूपी की अखिलेश सरकार ने समझौते पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया था.
यूपी में भरपूर बिजली का श्रेय भाजपा को मिल सकता है, इस खौफ के कारण अखिलेश यादव ने योजना में शामिल होने से मना किया था.
यूपी पॉवर कार्पोरेशन के अफसरों के मुताबिक अगले लोकसभा चुनाव से पहले यानी मई 2019 तक सभी गांवों को 24 घंटे बिजली मुहैया कराने के लिए केंद्रीय टीम ने कहा है.
– गोरखपुर खाद कारखाने के निर्माण के लिए सबसे पहले जमीन पर होने वाले काम को भी पूरा कर लिया गया बीते कल. खाद कारखाने को एफसीआई की पुरानी यूनिट की जगह बनाया जाना है जिसके लिए सबसे पहले पुरानी यूनिट को हटाने का काम करना था.
कल पुराने कबाड़ यूनिट को कलकत्ते की एक फर्म को 65 करोड़ में ठेका देने के साथ ही अक्टूबर महीने तक पुरानी यूनिट के अवशेषों को मौके से हटा देने का टाइम दिया गया.
निर्माण की पहली सीढ़ी के शुरुआत के बाद आगामी अक्टूबर से नए निर्माण को जमीन पर देखा जा सकेगा जिसे अगले तीन सालों में पूरा होकर शुरू हो जाना है.
करने की नीयत हो तो… हवा के बदलाव भर से काम के छींटे और बूंदे जमीन पर गिरती दिखाई देती हैं : महज प्रचार से काम नहीं कारनामे किये जा सकते हैं, जिसे यूपी के मतदाता ने अभी हाल अपनी उंगलियों से अंजाम दिया है.