Rekha, The Untold Story, यासिर उस्मान की किताब में रेखा के जीवन की घटनाओं को किस तरह से लिखा गया है ये तो मैं नहीं जानती, लेकिन एक औरत जब अपने जीवन के अच्छे बुरे अनुभवों से पर्दा उठाती हैं, तो खबरों की दुनिया में जिन चटखारों के साथ उसका प्रदर्शन होता है, वो उस औरत के लिए दोबारा उन घटनाओं से गुजरने के समान ही है.
अपनी रहस्यमयी ज़िंदगी के दरवाजों को हमेशा बंद रखने वाली रेखा ने ज़रा सी खिड़की क्या खोली, पूरी दुनिया की भीड़ उस खिड़की के आगे जमा हो गयी है… और खिड़की से दिखाई देनेवाले दृश्य को अपने अपने हिसाब से खबरों की दुनिया में उछाल रहे हैं….
उनमें से एक बात भी यहाँ कहना एक औरत के गरिमापूर्ण जीवन का अपमान करना होगा… उस औरत का जिसकी आज़ादी के लिए लोग झंडे उठाये फिरते हैं. और ये तो एक आज़ाद रूह की दास्तान है, जो जब देह की सीमाओं में नहीं समाती तो समाज की नज़रों में बाग़ी करार दी जाती है.
यासिर उस्मान की किताब के लिए रेखा ने वो तथ्य दिये जो वो जानती है, जिस दिन मैं रेखा के जीवन पर किताब लिखूँगी तब ऐसे रहस्यों से पर्दा उठाऊंगी जिनके बार में रेखा खुद भी नहीं जानती होगी.
जीवन वही नहीं होता जो घटित होता है, वास्तविक जीवन वह होता है जिसकी वजह से घटनाएं घटित होती हैं… जीवन की यात्राएं घटनाओं से अधिक उसके कारकों द्वारा नियंत्रित होती हैं.
Rekha, The Untold Story, वह होगी जो रेखा द्वारा भी Untold रह जाएगी… और जो लिखा जाएगा वो वह होगा जिसे रेखा को कहने की ज़रूरत ही नहीं, उसके अनुभवों को जानना, उसी प्रेम और पीड़ा के प्रसव से गुज़रकर एक नई रेखा को जन्म देने के समान होगा.